छत्तीसगढ़

CG में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार प्रयासरत, आत्मसमर्पण करने पर आकर्षक प्रोत्साहन

रायपुर

हथियार लाओ कैश ले जाओ! आपने अक्सर तस्वीरें देखी होंगी, जिसमें नक्सली महंगे हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करते दिखाई देते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि सरकार की ओर से इन हथियारों के लिए भी नक्सलियों को पैसा दिया जाता है ताकि हिंसा में इस्तेमाल होने वाले ये खतरनाक हथियार ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सरकार के पास जब्त हो सकें। हाल ही में छत्तीसगढ़ में 18 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया है।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर 31 मार्च, 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के सफाये को लेकर काम करने में लगी हुई हैं। इसके लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। खुद सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने माना कि विकास कार्यो से प्रभावित होकर उन्होंने हथियार छोड़ने का मन बनाया है। ये वे नक्सली थे, जिनके सिर पर 8 लाख रुपये तक का इनाम था। सरकार की ओर से नक्सलियों को सरेंडर करने पर कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा जो हथियार उनकी ओर से जमा कराए जाते हैं, उन पर भी इनाम मिलता है।

विस्फोटक का पता बताइए और इनाम पाइए

हर सरेंडर नक्सली भले ही उसके पास हथियार हों या न हों, उसे 50 हजार रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि कोई सरेंडर करने वाला नक्सली, नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी या विस्फोटकों की सूचना देकर उन्हें बरामद कराता है तो उसे 15,000 से 25,000 तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री की जानकारी देने पर एक लाख रुपये तक का इनाम मिलेगा। सरेंडर नक्सली यदि विवाह करने का इच्छुक हैं तो उसको एक लाख की विवाह अनुदान राशि भी दी जाएगी। यदि पति और पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली हैं तो उन्हें एक इकाई मानते हुए यह लाभ दिया जाएगा।
मनपसंद रोजगार भी देगी सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित इनामी सूची में शामिल नक्सली के सरेंडर पर उन्हें पूरी इनामी राशि नियमों के अनुसार दी जाएगी। राज्य सरकार की इस नीति के साथ-साथ भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिलेगा। इस नीति में यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समाज में दोबारा स्थापित होने के लिए हरसंभव मदद मिले। सरेंडर करने वाले नक्सली को सिर्फ प्रोत्साहन राशि, मुआवजा, ईनाम ही न मिलेगा बल्कि उसे इसके साथ शिक्षा, पसंद के अनुसार रोजगार-व्यवसाय के लिए कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार और सामाजिक सम्मान भी मिले।

हथियारों के दाम तय

छत्तीसगढ़ की नक्सल सरेंडर पॉलिसी 2015 के अनुसार जिस नक्सली के सिर पर जो इनाम होता है, अगर वह सरेंडर करता है तो वो इनाम की राशि उसे मिलती है। यह पैसा नक्सली को फिर से मुख्यधारा में जोड़ने के लिए होने वाले खर्च में शामिल कर दिया जाता है। अगर कोई हथियारों के साथ समर्पण करता है तो हथियारों के बदले भी उन्हें पैसा मिलता है। यहां हर हथियार के दाम तय हैं। हाल ही में नक्सल सरेंडर पॉलिसी 2025 में इसमें संशोधन भी किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं। छत्तीसगढ़ की नक्सल सरेंडर पॉलिसी में पिस्टल, ग्रेनेड से लेकर स्नाइपर राइफल, AK-47 राइफल तक के दाम तय हैं।

क्रमहथियारमुआवजा (2015)मुआवजा (2025)
1LMG4.5 लाख5 लाख
2AK-473 लाख4 लाख
3SLR Rifle1.5 लाख2 लाख
43 नॉट 3 राइफल75,0001 लाख
512 बोर बंदूक30,00030,000
62'' मोर्टार2.5 लाख2.5 लाख
7सिंगल शॉर्ट गन30,00030,000
89MM कार्बाइन20,00020,000
9पिस्टल/रिवॉल्वर20,00020,000
10वायरलेस सेट5,0005,000
11IID3,0003,000
12विस्फोटक पदार्थ1,000 प्रति किलो1,000 प्रति किलो
13ग्रेनेड/जिलेटिन रॉड्स500500
14सभी प्रकार के एम्युनिशन05 रुपये प्रति एम्युनिशन
15रिमोट डिवाइस30003,000

नक्सलियों को नकद इनाम

नक्सलियों को आत्मसमर्पण के वक्त तुरंत 50 हजार रुपये की राशि दी जाती है। इसके अलावा उनके खाते में एकमुश्त रकम डालकर 3 साल के लिए FD भी की जाती है। इसके अलावा जमीन खरीदने के लिए भी उन्हें पैसा दिया जाता है। साथ ही रोजगार शुरू करने को ट्रेनिंग के लिए भी पैसा मिलता है। यही नहीं भारत और राज्य सरकार की कई योजनाओं का लाभ भी उन्हें मिलता है। मसलन आयुष्मान योजना के तहत कैशलेस इलाज, पीएम आवास योजना के अंतर्गत घर बनाने के लिए पैसा और मुफ्त राशन जैसे लाभ भी सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मिलते हैं।

बड़ी संख्या में नक्सली कर रहे सरेंडर

कुछ ही दिन पहले छत्तीसगढ़ में 18 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। इनमें से 10 पर तो कुल 38 लाख का इनाम था। सरकार की नक्सली आत्मसमर्पण, पीड़ित, पुनर्वास एवं राहत नीति खासी सफल साबित हो रही है। पिछले ही साल 792 नक्सलियों ने हथियार डालकर सरेंडर किया था।

जमीन और मकान या बदले में रकम भी

हत्या, गंभीर चोट या स्थाई अपंगता के प्रकरणों में सुरक्षा तथा अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए यदि शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में पुनर्वास करना आवश्यक हो, ग्रामीण क्षेत्र में 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि अथवा शहरी क्षेत्रों में 4 डिसमिल (1742 वर्गफुट) आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। यदि भूखण्ड उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो पीड़ित परिवार को ग्रामीण क्षेत्र में 4 लाख रुपए एवं शहरी क्षेत्र में 8 लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इस नीति में भूखण्ड का आकार एवं उसके बदले में मुआवजा राशि मात्र समावेश किया गया है। व्यावहारिक रूप से भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण अधिकांश प्रकरणों में मुआवजा राशि ही देय होगी। ऐसे पीड़ित परिवार द्वारा 3 वर्ष के भीतर कृषि भूमि क्रय करने पर अधिकतम 2 एकड़ की भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कौन

नक्सल नीति में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को इस प्रकार परिभाषित किया गया है। भारत शासन, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम के अंतर्गत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया माओवादी एवं उसके अग्र संगठन दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ, क्रांतिकारी आदिवासी बालक संघ, क्रांतिकारी किसान कमेटी, महिला मुक्ति मंच, आरपीसी या जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंच, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया, तृतीय प्रस्तुति कमेटी, झारखंड जनमुक्ति परिषद, जनहित क्रांति पार्टी, मूलनिवासी बचाओ मंच का सदस्य, चाहे वह किसी भी पद पर हो एवं शासन द्वारा समय-समय पर घोषित विधि विरुद्ध नक्सली संगठन का सदस्य हो, या रहा हो।

ईनामी नक्सलियों को मिलेगा बड़ा इनाम

राज्य में सक्रिय रुपए 5 लाख या उससे अधिक के ईनामी नक्सली द्वारा आत्मसमर्पण के बाद शहरी क्षेत्र में अधिकतम 4 डिसमिल (1742 वर्गफुट) जमीन आवास के लिए अथवा ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि दी जाएगी। जमीन नहीं दिए जाने की स्थिति में अचल संपत्ति अथवा जमीन क्रय करने के लिए रुपए 2 लाख अनुदान राशि दी जाएगी। इस नीति में भूखण्ड का आकार एवं उसके बदले में  मुआवजा राशि मात्र का समावेश  किया गया है। व्यावहारिक रूप से भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण अधिकांश प्रकरणों में मुआवजा राशि ही देय होगी।

शादी के लिए 1 लाख

नीति के मुताबिक आत्मसमर्पण के बाद प्रति व्यक्ति को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान दी जाएगी। अविवाहित अथवा जीवित पति, पत्नी न होने की स्थिति में आत्मसमर्पण करने के 3 वर्ष के भीतर आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने यदि विवाह करने का इच्छुक है तो उसको 1 लाख रुपए अनुदान राशि विवाह के समय दी जाएगी। विवाह की स्थिति में पति, पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली होने की स्थिति में, दोनों को एक इकाई मानकर लाभ दिया जाएगा।

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