मध्य प्रदेश

हाईकोर्ट में मोहन सरकार का जवाब: 10 दिन में दुरुस्त करेंगे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की खामियां

जबलपुर:
 मप्र हाईकोर्ट ने अनूपपुर जिले के राजनगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति तथा उपकरण सहित अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू करने के निर्देश दिये थे. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए व्यवस्थाओं के लिए दस दिन का समय मांगा गया. एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित की है.

अनूपपुर निवासी विकास सिंह ने दायर की है जनहित याचिका

अनूपपुर निवासी विकास प्रताप सिंह ने राजनगर स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा था कि स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के निर्धारित पदों की संख्या 15 है. इसके अलावा पैरामेडिकल व अन्य स्टाफ के पद भी निर्धारित हैं. निर्धारित पदों के हिसाब से डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टॉफ सहित अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं की गई है. केंद्र पर केवल एक ही डॉक्टर पदस्थ है, वह भी सप्ताह में सिर्फ दो दिन एक घंटे के लिए आते हैं.

केंद्र तक पहुंचने वाली सड़क ऐसी हालत में है कि लोगों के लिए उस पर चलना भी मुश्किल है. युगलपीठ ने शासन से सड़क की स्थिति व अन्य सुविधाओं के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेष जारी किये थे. सरकार की तरफ से पेश की गई स्टेट्स रिपोर्ट में कहा गया था कि केन्द्र में डॉक्टरों के निर्धारित 7 पद हैं. इसके अलावा बीपी तथा ईसीजी मशीन के अलावा लॉक बॉक्स व टेबल-कुर्सी सहित अन्य समान हैं.

याचिकाकर्ता ने स्टेटस रिपोर्ट को बताया गलत

स्वास्थ्य केन्द्र में व्यवस्था को सुधारने के लिए दस दिन का समय दिया जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से विरोध करते हुए बताया गया कि उप केन्द्र के समय डॉक्टरों के निर्धारित पद सात होते हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदों की संख्या 15 निर्धारित है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किए. 

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