मध्य प्रदेश

तेज बारिश से मिलेगी राहत, फिलहाल नहीं है कोई वेदर सिस्टम एक्टिव

भोपाल 
अवदाब का क्षेत्र अब राजस्थान की तरफ चला गया है। मानसून द्रोणिका भी ऊपर की तरफ चली गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने के कारण अभी दो-तीन दिन तक बारिश बारिश के आसार नहीं हैं। वातावरण में बड़े पैमाने में नमी रहने के कारण कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। उधर, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिर्फ श्योपुर में दो मिलीमीटर बारिश हुई।

मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि पूर्वी राजस्थान और उससे लगे उत्तर-पश्चिम क्षेत्र पर अवदाब का क्षेत्र बना हुआ है। इसके कमजोर पड़कर गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। मानसून द्रोणिका अवदाब के क्षेत्र से होकर फतेहगढ़, मुजफ्फरपुर, बांकुरा, कोंटाई से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है।
 
पूर्वी और उत्तरी इलाकों में हुई भारी बारिश
एक पश्चिमी विक्षोभ वर्तमान में पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों का प्रभाव मध्य प्रदेश पर अब नहीं है। इस वजह से दो-तीन दिन तक भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के पूर्वी एवं उत्तरी क्षेत्र में भारी बारिश हुई है।

इस वजह से उस क्षेत्र में काफी नमी बरकरार है। इस कारण तापमान बढ़ने की स्थिति में गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ने की संभावना बनी रहेगी। उधर, पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक श्योपुर में 48.2, शिवपुरी में 36, गुना एवं ग्वालियर में 33.2, नौगांव में 28, दतिया में 14.2, पचमढ़ी में 8.2, टीकमगढ़ में छह, जबलपुर में पांच, खजुराहो में चार, सिवनी में 3.2 और मलाजखंड में 2.5 मिलीमीटर बारिश हुई।

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