छत्तीसगढ़

रायपुर: राजधानी में डिजिटल अरेस्ट का एक और मामला सामने आया है। इस बार ठगों ने एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर को निशाना बनाया है और उनसे करीब 88 लाख रुपये ठग लिए हैं।

यह घटना एक महीने तक चली, जिसमें प्रोफेसर को मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य गंभीर अपराधों में फंसाने की धमकी दी गई।
ठगों ने प्रोफेसर को फोन पर बताया कि वे मुंबई पुलिस या सीबीआई से हैं। उन्होंने प्रोफेसर को एक कमरे में बंद रहने और बाहरी दुनिया से संपर्क न करने का निर्देश दिया, जिसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जाता है। इस दौरान, ठगों ने प्रोफेसर को विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।
जब प्रोफेसर ने अपने एक दोस्त को इस घटना के बारे में बताया, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। इसके बाद, उन्होंने पुरानी बस्ती थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह घटना दिखाती है कि डिजिटल धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और लोगों को ऐसे फोन कॉल और धमकियों से सावधान रहने की जरूरत है।

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