व्यवसाय

बिना टैरिफ के व्यापार, 2025 में भारत का 24 देशों के साथ आर्थिक दांव

नई दिल्‍ली.
 अमेरिका की ओर से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने से हुए नुकसान की भरपाई एक झटके में करने की तैयारी है. भारत के हाथ ऐसा दांव लगने वाला है, जिससे टैरिफ से हुए नुकसान की सारी भरपाई हो जाएगी. यह काम पूरा होने पर भारत को 135 अरब डॉलर का व्‍यापार बिना किसी टैक्‍स के करने का मौका मिलेगा. इस पर बातचीत भी काफी तेजी से आगे बढ़ रही है और माना जा रहा है कि इसी साल करीब 2 दर्जन देशों के साथ बिना टैक्‍स के व्‍यापार का रास्‍ता खुल जाएगा.

मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भारत और यूरोपीय संघ अपने महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द अंतिम रूप देने के लिए अगले एक महीने में दो दौर की महत्वपूर्ण वार्ता करेंगे. इस दौरान उत्पत्ति के नियमों, बाजार पहुंच और वाइन तथा डेयरी उत्पादों पर शुल्क के क्षेत्रों में मतभेदों को दूर करने की कोशिश की जाएगी. इन पर सहमति बनती है तो इसी साल यह डील पूरी होने की संभावना है.

दिसंबर हो जाएगी एफटीए डील
यूरोपीय आयोग के कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हैनसेन और व्यापार प्रमुख मारोस सेफ्कोविक इस सप्ताह अपने भारतीय वार्ताकारों के साथ बातचीत करने के लिए भारत का दौरा कर रहे हैं. दोनों पक्ष इस साल के अंत तक एफटीए पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं. यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका वित्तवर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 135 अरब डॉलर था. यह आंकड़ा चीन और अमेरिका से भी ज्‍यादा है. जाहिर है कि एफटीए डील पक्‍की होने पर भारत को इसका बड़ा लाभ मिलेगा.

17 सितंबर को बड़ा दिन
व्यापार समझौते के अलावा, भारत और यूरोपीय संघ कई परिवर्तनकारी पहलों को भी आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं, जिनमें एक नया राजनीतिक-रणनीतिक नजरिया और रक्षा संबंधों का विस्तार शामिल हैं. ये कदम बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता के मद्देनजर उठाए गए हैं. गौरतलब है कि यूरोपीय संघ 17 सितंबर को भारत के साथ संबंधों के लिए अपने नए रणनीतिक नजरिये को जारी करेगा. नए उपायों को भारत-यूरोपीय संघ वार्षिक शिखर सम्मेलन में जारी करने की उम्मीद है.

27 देशों से एकसाथ बातचीत
भारत और ईयू दोनों पक्ष अगले तीन महीनों में कई उच्च-स्तरीय बैठकें और वार्ताएं भी करेंगे, जिनमें यूरोपीय संघ की राजनीतिक और सुरक्षा समिति का भारत दौरा भी शामिल है. इसमें यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के दूत शामिल होंगे. इसका मतलब है कि भारत एकसाथ 27 देशों से एफटीए पर बातचीत करेगा और यह पूरा होता है तो भारत को 27 देशों के साथ मुक्‍त व्‍यापार समझौता कराने का अवसर मिलेगा.

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button