
भोपाल
देश में कोरोना के दो नए वैरिएंट के मामले एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगे हैं। मध्यप्रदेश में अब तक इंदौर में 6 मामले ही सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य संस्थाओं को सारी तैयारियां करने के निर्देश भी दिए हैं। एम्स भोपाल ने भी कोरोना मरीजों के उपचार के लिए तैयारियां तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक एम्स में 20 बेड का जनरल वार्ड तैयार कर लिया गया है। वहीं वेंटीलेटर से युक्त एक आईसीयू भी कोविड मरीजों के लिए तैयार किया गया है। टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। जबकि जिला अस्पताल जेपी और हमीदिया में किसी तरह की तैयारी नहीं दिख रही है।
लोगों को जागरूक होना जरूरी
कोरोन के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट (जेएन. 1) के दो सब-वैरिएंट (एनबी. 1.8.1 और आईएफ 7) एक्टिव हैं। एमपी में अभी तक इंदौर में 6 मरीज मिले हैं। जिसमें से एक वृद्धा की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना नियंत्रण में है, लेकिन लोगों को जागरूक होना जरूरी है। जो लोग विदेश से यात्रा कर लौटे हैं, उन्हें एहतियातन जांच कराना चाहिए। यदि सर्दी-जुकाम या वायरल से पीड़ित होते हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं और ट्रैवल हिस्ट्री भी न छिपाएं।
चार साल में धूल खा रही मशीन
हमीदिया अस्पताल में कोरोना के वैरिएंट की जांच करने वाली जीनोम सिक्वेसिंग मशीन धूल खा रही है। गौरतलब है कि चार साल पहले कोरोना लहर के दौरान तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने जीएमसी में पांच करोड़ रुपए की लागत से जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन स्थापित की थी। लेकिन तब से अब तक इस मशीन से एक भी टेस्ट नहीं हो सका। यही नहीं जीएमसी की वायरोलॉजी लैब की हालत भी खराब है। यहां कोरोना टेस्ट के लिए रिएजेंट तक नहीं है।
नए वेरिएंट से डर नहीं बचाव है जरूरी
एक बार फिर कोरोनावायरस (Coronavirus in Madhya Pradesh) ने अपना डरावना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. भारत के भी 20 राज्यों में Covid-19 मरीजों की बड़ी संख्या सामने आ रही है. कोविड-19 के नए वेरिएंट के बढ़ते प्रकोप के असर से मध्य प्रदेश भी अछूता नहीं है. इंदौर और उज्जैन में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं. अब कोविड के नए रूप के बीच एमपी और राजधानी भोपाल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या हाल है और खुद को कैसे बचाना है, भोपाल के वरिष्ठ डॉक्टर सुरेशचंद्र शर्मा से जानिए.
कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के बढ़ते असर के बीच भोपाल के रेडक्रॉस हॉस्पिटल में एडिशनल सुपरीटेंडेंट वरिष्ठ डॉक्टर सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस नए वायरस का राजधानी भोपाल में अब तक तो कोई खास असर नहीं दिखा है, हां बस वायरल फीवर और सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या जरूर बढ़ी है लेकिन वो कोविड नहीं है. कोरोना का ये वेरिएंट जरूर नया है, पर हमें अपनी वही पुरानी आदत जैसे- मास्क लगाना और लगातार हाथ धुलने की आदत को अपनाना होगा.
कोरोना के खिलाफ एक ही ब्रह्मास्त्र
कोविड-19 के दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 के भारत में केस मिलने के बाद पब्लिक में डर को लेकर डॉ शर्मा ने कहा कि इस वायरस से डरने की नहीं बल्कि हमें वही अपनी पुरानी आदतों को अपनाना होगा. इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ हमें सबसे बड़े ब्रह्मास्त्र यानी सैनिटाइजर का लगातार उपयोग करना है. इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अभी जाने से बचना है. बाकी इस बीमारी में डर नहीं बस सावधानी बरतने की जरूरत है.
मध्य प्रदेश कोविड से लड़ाई को कितना तैयार?
दुनियाभर के कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते केस का डर भारत में भी दिखने लगा है. जिसके चलते केंद्र से लेकर सभी राज्य सरकारें भी स्वास्थ सुविधाओं को पुख्ता करने में जुट गई हैं. कोरोना के इस नए वेरिएंट से लड़ने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भी सभी जिलों को अलर्ट पर रहने को कहा है. जिसके बाद राजधानी भोपाल में भी कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सीएमएचओ समेत बड़े अधिकारियों के साथ तैयारियों का जायजा लिया. भोपाल के सीनियर डॉक्टर सुरेश चंद्र शर्मा ने तैयारियों को लेकर कहा कि भोपाल पूरी तरह से कोरोना के इस नए हमले से लड़ने को तैयार है.
नए वैरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं
एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि नए वैरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। एम्स पूरी तरह तैयार है। समय पर जांच, बेहतर इलाज और सही जानकारी देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर नागरिक को सही जानकारी मिले और डर की जगह सतर्कता बरती जाए। संस्थान ने तेज जांच और इलाज के लिए जरूरी स्वास्थ्य ढांचा मजबूत किया है।