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भारत का संविधान ऐसा दस्तावेज़ है, जिसने देश को हर संकट में एकजुट और मज़बूत बनाए रखा – जस्टिस गवई

 प्रयागराज

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि भारत का संविधान ऐसा दस्तावेज़ है, जिसने देश को हर संकट में एकजुट और मज़बूत बनाए रखा है. वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. CJI गवई ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि अभी मेघवाल (कानून और न्याय मंत्री) ने कहा कि सीएम योगी इस देश के सबसे पावरफुल और कर्मठ मुख्यमंत्री हैं. मैं कहना चाहूंगा कि इलाहाबाद (प्रयागराज) की भूमि पावरफुल लोगों की है. योगी जी तो पावरफुल हैं ही.

इस अवसर पर सीजेआई गवई ने कहा कि जब संविधान बन रहा था और इसका अंतिम मसौदा संविधान सभा के सामने प्रस्तुत किया गया, तब कुछ लोगों का मानना था कि यह संविधान बहुत अधिक संघात्मक (federal) है और कुछ का कहना था कि यह बहुत अधिक एकात्मक (unitary) है.

उस समय डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जवाब दिया कि यह संविधान न पूरी तरह संघात्मक है और न ही पूरी तरह एकात्मक, लेकिन एक बात निश्चित है कि हमने ऐसा संविधान दिया है जो भारत को शांति और युद्ध दोनों समयों में एकजुट और मज़बूत बनाए रखेगा. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत संविधान के मार्गदर्शन में विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा, जबकि हमारे कई पड़ोसी देश संघर्षों से जूझते रहे हैं.

मुख्य न्यायाधीश ने संविधान की 75 वर्ष की यात्रा का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस दौरान विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ने सामाजिक और आर्थिक समानता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि हमारी यह मौलिक जिम्मेदारी है कि देश के हर अंतिम नागरिक तक न्याय पहुंचे, और इसके लिए विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा.

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