मध्य प्रदेश

विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति ने विधायकों को एक-एक कर्मचारी और दिए जाने की सरकार से अनुशंसा की

भोपाल
मध्य प्रदेश के सभी विधायकों को अभी विधायी और क्षेत्र की जनता से जुड़े कामकाज के लिए एक सरकारी कर्मचारी दिया जाता है। इनके बीमार होने या अन्य कारण से अवकाश पर चले जाने के कारण कार्य प्रभावित होता है। इसे देखते हुए विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति ने विधायकों को एक-एक कर्मचारी और दिए जाने की सरकार से अनुशंसा की है। सामान्य प्रशासन विभाग समिति यह प्रस्ताव विचार करने के लिए उच्च स्तर पर भेजेगा। विधायकों को विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्न या अन्य सूचनाओं समय पर विधानसभा सचिवालय भेजनी होती है।
 
    पूरी व्यवस्था ऑनलाइन हो चुकी है। इसी तरह, स्वेच्छानुदान और निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि से जुड़े कामों को लेकर पत्राचार करना होता है।
    चूंकि, विधायक क्षेत्र के दौरे पर रहते हैं, इसलिए इस कार्य के लिए उन्हें सहायक की आवश्यकता होती है।
    इसे देखते हुए सरकार ने जिला स्तर पर एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी विधायकों को देने की व्यवस्था बनाई है।
    1995 में इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने परिपत्र भी जारी किया।
    विधायकों ने सदस्य सुविधा समिति के समक्ष यह मांग रखी कि वर्तमान संदर्भ में काम बढ़ गया है।

    केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाएं हैं, जिन्हें लेकर पत्राचार करने होते हैं।
    विधायक कई समितियों के सदस्य भी होते हैं। ऐसे में एक कर्मचारी अपर्याप्त है।
    वह कार्यालयीन समय के बाद चला जाता है या अवकाश पर होता है तो काम प्रभावित हो जाता है।
    इसे देखते हुए एक कर्मचारी और दिया जाना चाहिए।
    समिति ने मांग को व्यावहारिक मानते हुए सरकार से अनुशंसा की है कि विधायकों को एक-एक कर्मचारी और दिया जाए।
    सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ ही समिति की बैठक में इस पर चर्चा भी हो चुकी है।
    नीतिगत मामला होने के कारण यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री तक जाएगा और अंतिम निर्णय होगा।

 

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