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धर्मांतरण से आगे की कहानी: आईएसआई से गुप्त मिशन पर छांगुर की काठमांडू यात्रा

बलरामपुर

छांगुर…नीतू… और नवीन। ये बस तीन नाम नहीं हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार ये देश विरोधी षडयंत्र, सामाजिक समरसता और सद्भाव के खात्मे के प्रयास के तीन अहम मोहरे हैं। मिशन आबाद के लिए आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों के अवैध धर्मांतरण से इतर इनकी साजिश बेहद खौफनाक रही।

ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी हाथ मिलाने की तैयारी में थे। इसके लिए छांगुर काठमांडू भी गया था, लेकिन समय रहते सुरक्षा एजेंसियों ने तीनों को दबोचकर प्रदेश और देश को बड़ी अनहोनी से बचा लिया।

बीते दिनों नेपाल के पूर्व सैनिकों का एक सम्मेलन राजधानी काठमांडू स्थित पाकिस्तान दूतावास में आयोजित हुआ, जिसमें पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) का प्रतिनिधिमंडल मौजूद था। पाकिस्तान दूतावास के सैन्य सलाहकार कर्नल मुहम्मद अली अल्वी भी मौजूद थे।

पाकिस्तानी दल ने किया था भारत सीमा का दौरा
दुनिया को दिखाने के लिए भले ही यह एक्सचेंज प्रोग्राम था, लेकिन इस कार्यक्रम के बाद पाकिस्तानी दल ने भारत सीमा का दौरा किया था, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी भी थे।

नेपाल के सीमावर्ती जिले दांग के एक कद्दावर धार्मिक नेता के साथ छांगुर आईएसआई से नजदीकी बढ़ाने काठमांडू तक भी पहुंचा था, लेकिन तब सुरक्षा कारणों से वह पाकिस्तानी दूतावास में दाखिल नहीं हो सका। इसकी रिपोर्ट सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी, जिसके बाद छांगुर, नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जलालुद्दीन की निगरानी बढ़ाई गई। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार छांगुर एक विशेष योजना लेकर नेपाल गया था।

 

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