चंद्रपुर मुक्तिधाम के पीछे अवैध रेत उत्खनन – खनिज विभाग शक्ति की मिलीभगत उजागर, एक आरआई के भरोसे पूरा विभाग!

चंद्रपुर:— चंद्रपुर नगर के मुक्तिधाम के पीछे लंबे समय से बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। स्थानीय सूत्रों का आरोप है कि निकाली गई रेत का उपयोग आसपास के उद्योगों में हो रहा है और इस पूरे गोरखधंधे में खनिज विभाग शक्ति की खुली मिलीभगत है। विभाग के अधिकारी आंख मूंदकर इस अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं, जबकि शासन और प्रशासन की चुप्पी ने सवालों का पहाड़ खड़ा कर दिया है।



शहर और आसपास के कई स्थानों पर खुलेआम रेत के बड़े-बड़े डंप पड़े हैं, जो इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा किया जा रहा है। उत्खनन स्थल से गुजरने वाली सड़क पर दिन-रात ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का आवागमन न केवल यातायात को बाधित कर रहा है, बल्कि बस्ती और स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के लिए जानलेवा खतरा बन गया है। किसी भी दिन बड़ा हादसा होना तय है, लेकिन खनिज विभाग शक्ति के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पूरा खनिज विभाग एक मात्र आर आई के भरोसे चल रहा है। जब इस बारे में खनिज अधिकारी के.के. बंजारे से बात की गई तो उनका लापरवाह जवाब — “देखते हैं” — उनकी मिलीभगत पर मोहर लगाने के लिए काफी है। जनता का सवाल सीधा है — आखिर किसके संरक्षण में यह अवैध रेत उत्खनन चल रहा है? क्या खनिज विभाग शक्ति कानून से ऊपर है?
अगर इस आपराधिक खेल पर तुरंत रोक नहीं लगी, तो जनता सड़कों पर उतरकर जोरदार आंदोलन करेगी और इसकी जिम्मेदारी सीधे खनिज विभाग शक्ति पर होगी।




