गर्मी में भी ‘गर्म’ PWD अफसर: बलरामपुर में काली कमाई के आरोपों पर सुशासन तिहार में उठे सवाल

बलरामपुर, 30 मई 2025: एक तरफ जहां पूरा छत्तीसगढ़ नौतपा की भीषण गर्मी से जूझ रहा है, वहीं बलरामपुर में पदस्थ लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक अधिकारी की “गर्मी” इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। यह “गर्मी” सूरज की तपिश से नहीं, बल्कि उनकी कथित काली कमाई और अकूत संपत्ति को लेकर है, जिस पर अब सुशासन तिहार के मौके पर सवाल उठने लगे हैं।
सुशासन तिहार में ‘दुशासन’ का साया?
छत्तीसगढ़ सरकार जहां सुशासन तिहार मनाकर पारदर्शिता और ईमानदारी का संदेश दे रही है, वहीं बलरामपुर के इस PWD अफसर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सरकार के प्रयासों पर ही पानी फेरते नजर आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो उक्त अधिकारी ने पद का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति अर्जित की है। उनकी जीवनशैली और खर्चों को देखकर स्थानीय लोग भी हैरान हैं, जो उनकी सरकारी आय से कहीं अधिक प्रतीत होते हैं।
काली कमाई के चर्चे और जांच की मांग:
बलरामपुर में इस PWD अधिकारी की काली कमाई के किस्से आम हो चुके हैं। बताया जाता है कि निर्माण कार्यों में कमीशनखोरी, ठेकेदारों से सांठगांठ और बिलों में हेराफेरी कर उन्होंने करोड़ों रुपये कमाए हैं। उनकी संपत्ति में अचल संपत्तियां, लग्जरी वाहन और महंगी जीवनशैली शामिल होने के आरोप हैं। स्थानीय जनता और कुछ जागरूक नागरिकों ने अब इन आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब सरकार सुशासन की बात कर रही है, तो ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
नौतपा से ज्यादा तेज ‘काली कमाई की तपिश’:
वर्तमान में चल रहा नौतपा भी उस गर्मी को पैदा नहीं कर पा रहा, जितनी गर्मी इस अधिकारी की कथित काली कमाई से महसूस की जा रही है। यह स्थिति न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है, बल्कि ईमानदार अधिकारियों के मनोबल को भी गिरा रही है।
सरकार की अग्निपरीक्षा:
यह मामला छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक अग्निपरीक्षा है। यदि सरकार वास्तव में सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के प्रति गंभीर है, तो उसे तत्काल इस PWD अधिकारी के खिलाफ लगे आरोपों की निष्पक्ष और गहन जांच करानी चाहिए। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और उसकी अवैध संपत्ति जब्त की जानी चाहिए।
जब तक ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक सुशासन तिहार जैसे आयोजन केवल औपचारिकता बनकर रह जाएंगे और जनता का सरकार पर से विश्वास उठने लगेगा। बलरामपुर के इस PWD अफसर पर लगे आरोपों की जांच न केवल उनकी काली कमाई को उजागर करेगी, बल्कि यह भी साबित करेगी कि छत्तीसगढ़ में सुशासन सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक हकीकत है।
