
जांजगीर चांपा – बिना स्पॉट बिलिंग किये फर्जी रीडिंग डाटा पहुंच गया ऑफिस ,विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही कहें या स्पॉट बिलिंग ठेकेदारों की चालाकी जिसके चलते उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए शुरू किया गया स्पॉट बिलिंग सुविधा आज उपभोक्ताओं के लिए सरदर्द बन चुका है हर महीने ठेकेदार अपने सहूलियत के अनुसार रीडिंग बिलिंग करते हैं तथा कई गांव को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है बिना रीडिंग बिलिंग किए।
ताजा वाकया सामने आया है सारागांव विद्युत वितरण केंद्र का है जहाँ 5 गाँव देवरी,अमरवा, सोनियापाट, सोंठी,तथा कोसमंदा के एक मोहल्ले में फरवरी माह के लिए स्पॉट बिलिंग 3 अप्रैल तक नहीं कराया गया है जब की मिली जानकारी के अनुसार बिल जमा करने की अंतिम तिथि 3 अप्रैल है जहां बिना स्पॉट बिलिंग किए ऑफिस में डाटा जमा करा दिया गया है उपभोक्ताओं द्वारा सूचना मिलने पर हमारे पत्रकारों द्वारा इस संबंध प्रत्येक गांव जाकर उन गांवों के सरपंच जिनमे दिनेश कुमार राठौर ( सरपंच ग्राम पंचायत देवरी ), रोशन लाल बरेठ ( सरपंच ग्राम पंचायत अमरवा),रुकमणी साहू (सरपंच ग्राम पंचायत सोनियापाट ) से मिले जिसमें तीनों सरपंचों द्वारा बताया गया कि उनके गांव में स्पॉट बिलिंग हर माह सही तरीके से नहीं हो पा रहा तथा कुछ और ग्रामीणों से भी बात की जिससे ग्रामीणों ने बताया कि सही मायने में स्पॉट बिलिंग की समस्या देखी जा रही है जिस प्रकार इस महीने ठेकेदार द्वारा स्पॉट बिलिंग नहीं कराई गई इसी प्रकार प्रत्येक माह सही समय पर स्पॉट बिलिंग नहीं किया जा रही।
उपभोक्ताओं द्वारा बताया गया कि रीडिंग करने जो व्यक्ति आते हैं उनके द्वारा गलत तरीके से स्पॉट बिलिंग कर बिल की राशि कम करने के एवज में पैसों की मांग की जाती है
इन फ़र्ज़ी तरीकों से काम कर गलती तो विभाग कर रहा है लेकिन इसकी भरपाई उपभोक्ताओं को करना पड रहा है स्पॉट बिलिंग सही समय से ना होने पर उनके द्वारा बिल जमा नहीं किया जाता जिससे उनको सरकार की नीति हाफ बिल की सुविधा नहीं मिल पा रही जिसके चलते धीरे धीरे बिल की राशि इस हद तक बढ़ जाती है की उपभोक्ता राशि जमा ही नही कर पाते जिसके बाद विभाग द्वारा उनपर दबाव बनाया जाता है जिसके चलते कई बार उपभोक्ताओं की बिजली भी काट दी जाती है।प्रदेश में ऐसे कई मामले पूर्व में भी सामने आए है जिसमे बिजली का बिल अत्यधिक आने से और उनका भुगतान उपभोक्ता द्वारा न कर पाने के कारण उपभोक्ता आत्महत्या भी कर लेते है।
मिली जानकारी के अनुसार इन गांवों में स्पॉट बिलिंग के लिए टेंडर वैभू इंफ्राटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को दिया गया है तथा सारागांव वितरण केंद्र के गाओं में शिवा किशोर जो खुद को मैनेजर बताते हैं स्पॉट बिलिंग करवाते है जब इस संबंध में हमारे पत्रकारों द्वारा शिवा किशोर से बात की गई तो वे गोलमोल बात कर बातों को घुमाने लगे।
अब बात यह सामने आती है कि अगर गांव में स्पॉट बिलिंग किया ही नहीं गया तो, जो रीडिंग डाटा ऑफिस में जमा किया गया क्या,वह फ़र्ज़ी है? और आखिर क्यों अधिकारी इस संबंध में सही तरीके से ध्यान नहीं दे पा रहे।
फिलहाल इस संबंध में हमारे पत्रकारों द्वारा जांजगीर-चांपा अधीक्षण यंत्री मनीष तनेजा को अवगत करा दिया गया है तथा चांपा कार्यपालन यंत्री के.एन सिंह से भी बात की गई जिसमें उनके द्वारा जल्द से जल्द इस संबंध में जांच करने की बात कही गई तथा जांच में पुष्टि होने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया.