दिल्ली राज्य अभियान समिति ने 18 जून को राष्ट्रीय स्तर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए इस कार्यक्रम की मेजबानी की, ताकि उन्हें संगठन के समर्थन अभियान के लिए संगठित और तैयार किया जा सके।
समिति की यह मांग है कि समाज कार्य परिषद बिल को संसद में पास किया जाए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय सामाजिक कार्य शिक्षक प्रोफेसर मुरली देसाई ने हिस्सा लिया। प्रोफेसर मुरली ने कहा कि सामाजिक कार्य शिक्षा को उन्नत करने और मानकों को बनाए रखने के लिए एक राष्ट्रीय सामाजिक कार्य शिक्षा परिषद की स्थापना होनी चाहिए। कई सवालों का जवाब देते हुए मुरली देसाई ने कहा कि ‘शिक्षा में उत्कृष्टता और पेशे में दक्षता’ को और अधिक सुनिश्चित करने के लिए एक परिषद की तत्काल आवश्यकता है’।
पिछले साल 14 जुलाई 2020 को, नीति आयोग ने कुछ सामाजिक कार्य शिक्षकों को सामाजिक कार्य परिषद की आवश्यकता पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद, पेशेवर समाज कार्य शिक्षकों का एक समूह बनाया गया जिसने 2021 में परिषद के लिए एनसीएसडब्ल्यूई विधेयक का मसौदा तैयार किया। इन पेशेवर परिषदों की जिम्मेदारियां क्या हैं इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारत में 15 से अधिक वैधानिक पेशेवर परिषदें हैं, जिन्हें यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसलिए, सामाजिक कार्य शिक्षा और अभ्यास में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए एक परिषद की तत्काल आवश्यकता है, ताकि हम ‘शिक्षा में उत्कृष्टता और पेशे में दक्षता’ सुनिश्चित कर सकें।
कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए, एनसीएसडब्ल्यूई के लिए राष्ट्रीय अभियान समिति के संयोजक प्रो. संजय भट्ट ने कहा कि परिषद विधेयक का प्रारूप सामाजिक कार्यों के अंतर्राष्ट्रीयकरण के संदर्भ में स्वदेशी दृष्टिकोणों से तैयार किया गया है। चूंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के कार्यान्वयन को धीरे-धीरे और चरणबद्ध तरीके से लागू करने की आवश्यकता होगी, कार्य समूह ने विधेयक का मसौदा तैयार करते समय यूजीसी और इसके मानदंडों जैसी वर्तमान शिक्षा प्रणाली का पालन किया।
प्रोफेसर भट्ट ने आगे कहा कि समाज कार्य शिक्षा वह आधार है जिस पर समाज कार्य अभ्यास पेशेवर हो जाता है। यह प्रस्तावित परिषद समाज कार्य अनुसंधान, ज्ञान विकास, प्रसार, पुनर्प्राप्ति और उपयोग को बढ़ावा देगी। इसके अलावा, समाज कार्य के छात्र को गुणवत्तापूर्ण सामाजिक कार्य शिक्षा, सक्षम शिक्षक, अद्यतन पुस्तकालय, छात्र सहायता सेवाएं, पूरे भारत में करियर परामर्श और विभिन्न क्षेत्रों में प्रासंगिक नौकरियों के अवसर प्राप्त होंगे।
भीम राव अम्बेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतुल प्रताप सिंह ने कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय, कॉलेज, सरकारी विभागों और नागरिक समाज संगठनों जैसे अलग अलग क्षेत्रों से लोगों ने आज से इस कार्यक्रम में भाग लिया है और कार्यक्रम को एक सकारात्मक दिशा दी है।
गौरतलब है कि इस समिति की तरफ से राष्ट्रीय समाज कार्य परिषद की मांग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, शिक्षा विभाग और यूजीसी को एक पत्र भी भेजा गया है। समिति मांग करती है कि समाज कार्य की गुणवत्ता को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए समाज कार्य परिषद का गठन किया जाए।