छत्तीसगढ़

स्वामित्व योजना अंतर्गत सक्ती जिले के सात तहसीलों में बांटा जाएगा प्रापर्टी कार्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना अंतर्गत आज दोपहर 12ः30 बजे लाभान्वित हितग्राहियों को संबोधित करते हुये वर्चुअली पापर्टी कार्ड वितरित किया जायेगा।

स्वामित्व योजना अंतर्गत सक्ती जिले के सात तहसीलों में बांटा जाएगा प्रापर्टी कार्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना अंतर्गत आज दोपहर 12ः30 बजे लाभान्वित हितग्राहियों को संबोधित करते हुये वर्चुअली पापर्टी कार्ड वितरित किया जायेगा। जिला स्तर पर कार्यक्रम कलेक्ट्रेट कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित किया जायेगा। स्वामित्व योजना अंतर्गत सक्ती जिले के सात तहसीलों में प्रापर्टी कार्ड का वितरण पात्र हितग्राहियों को किया जाएगा। अपर कलेक्टर श्री बीरेन्द्र लकड़ा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 27 दिसंबर 2024 को स्वामित्य योजना के तहत पापर्टी कार्ड का वितरण किया जा रहा हैं। तहसील सक्ती में 395 प्रापर्टी कार्ड, तहसील नया बाराद्वार में 217 प्रापर्टी कार्ड, तहसील भोथिया में 73 प्रापर्टी कार्ड, तहसील मालखरौदा में 372 प्रापर्टी कार्ड, तहसील अड़भार में 211 प्रापर्टी कार्ड, तहसील डभरा में 334 प्रापर्टी कार्ड, तहसील चन्द्रपुर में 718 प्रापर्टी कार्ड बांटा जाएगा। जिले के 26 ग्राम पंचायतों के 36 ग्रामों में प्रापर्टी कार्ड वितरण हेतु पंचायत स्तर पर पटवारियों को नोडल अधिकारी एवं ग्राम पंचायत सचिवों को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। विकासखंड स्तर पर तहसीलदार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को सहायक नोडल अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार जिला स्तर पर अपर कलेक्टर के.एस.पैकरा को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय हैं कि स्वामित्व योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के निवासियों को उनकी भूमि और संपत्ति पर मालिकाना अधिकार प्रदान करना है। स्वामित्व योजना अंतर्गत प्रापर्टी कार्ड (अधिकार अभिलेख) जारी किये जाते हैं, जो ग्रामीण भूमिधारक के संपत्ति के स्वामित्व को प्रमाणित करते है।

स्वामित्य योजना के लाभ स्वामित्व का अधिकार के तहत ग्रामीण नागरिकों को उनकी संपत्ति पर कानूनी स्वामित्व मिलता है। संपत्ति से जुड़े विवाद कम होते है। आर्थिक सशक्तिकरण अंतर्गत प्रापर्टी कार्ड के आधार पर बैंक से लोन लेना आसान होता है, यह ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है। संपत्ति के डिजिटलीकरण के तहत सभी संपतियों का डिजिटलीकृत रिकार्ड बनाया जाता है। यह रिकार्ड भविष्य में संपत्ति विवादों को हल करने में मदद करता है। संपत्ति को बेचने-खरीदने में कानूनी मान्यता मिलती है। केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने में आसानी होती है।

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