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उत्तरकाशी के गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में लगभग एक फीट बर्फ जमा होने से निचले इलाकों में भी ठंड बढ़ी, दी चेतावनी

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी के गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में लगभग एक फीट बर्फ जमा होने से निचले इलाकों में भी ठंड बढ़ गई है। बर्फबारी के कारण प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने उत्तरकाशी जिले में भारी बर्फबारी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, जनपद के 2200 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम में तीव्र परिवर्तन होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और बारिश हो सकती है, जिससे सर्दी और बढ़ सकती है और यातायात प्रभावित हो सकता है।

इस अलर्ट के मद्देनजर प्रशासन ने संबंधित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। यात्रियों और स्थानीय निवासियों को खराब मौसम के कारण सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। सड़क मार्गों पर बर्फ जमने और दुर्घटनाओं के खतरे को देखते हुए यातायात व्यवस्था को लेकर भी अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। यह अलर्ट विशेष रूप से गंगोत्री, यमुनोत्री और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए है, जहां बर्फबारी और बारिश की अधिक संभावना है।

उत्तरकाशी जनपद के मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में जबरदस्त बारिश हुई है, जिससे ठंड में और भी वृद्धि हो गई है। भारी बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इस मौसम में ठंड से बचने के लिए लोग अब अलाव का सहारा ले रहे हैं।

जिला प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के आदेश दिए हैं। आदेश के तहत स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, स्थानीय प्रशासन, और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट रहने को कहा गया है। साथ ही राजस्व विभाग, ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ), ग्राम प्रधान और अन्य संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में रहकर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। इन अधिकारियों को आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने और स्थानीय समुदाय को किसी भी प्रकार के संकट से बचाने के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।

उत्तरकाशी में बढ़ती ठंड और खराब मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन ने खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को बाहर जाने से मना किया है। केवल अति आवश्यक काम होने पर ही बाहर जाने की अनुमति दी गई है, ताकि ठंड और बर्फबारी के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव किया जा सके। वहीं लोक निर्माण विभाग को भी विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे बर्फबारी वाले क्षेत्रों में अपनी निगरानी बढ़ाएं और सड़कों पर फिसलन को कम करने के लिए जरूरी उपाय करें।

 

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