जांजगीर चांपा शहर के प्रमुख चौक चौराहों और व्यस्त सड़कों पर लगाए जा रहे बड़े-बड़े होर्डिंग्स न केवल ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा बन रहे हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी न्यौता दे रहे हैं।

शहर के बीचों-बीच होर्डिंग्स से बढ़ रहा दुर्घटनाओं का खतरा
जांजगीर चांपा शहर के प्रमुख चौराहों और व्यस्त सड़कों पर लगाए जा रहे बड़े-बड़े होर्डिंग्स न केवल ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा बन रहे हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी न्यौता दे रहे हैं। आकर्षक विज्ञापनों और चमकदार रोशनी वाले ये होर्डिंग्स वाहन चालकों का ध्यान भटका रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।
ड्राइवरों का ध्यान होर्डिंग्स पर: विशेषज्ञों का कहना है कि ये होर्डिंग्स ड्राइवरों का ध्यान सड़क से हटाकर विज्ञापन की ओर केंद्रित कर देते हैं। रात के समय इनमें लगी चमकदार रोशनी वाहन चालकों को भ्रमित करती है, जिससे कई बार नियंत्रण बिगड़ जाता है।
ट्रैफिक संकेत छिपा रहे होर्डिंग्स: कई जगहों पर होर्डिंग्स को गलत स्थानों पर लगाया गया है, जिससे ट्रैफिक सिग्नल और दिशा संकेत ढक गए हैं। यह स्थिति खासकर नए चालकों और बाहरी यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रही है।
प्रशासन की लापरवाही: स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की अनुमति के बिना कई जगहों पर होर्डिंग्स लगाए गए हैं। न तो इनकी ऊंचाई का ध्यान रखा गया है और न ही मजबूती का। खराब मौसम में इन होर्डिंग्स के गिरने का खतरा भी बना रहता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ: ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि होर्डिंग्स की संख्या और स्थान को नियंत्रित किया जाना चाहिए। खासकर व्यस्त चौराहों पर इनकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही विज्ञापन कंपनियों को ऐसे डिजाइन और रोशनी का प्रयोग करना चाहिए जो सड़क सुरक्षा को प्रभावित न करें।
नियमों की जरूरत: स्थानीय प्रशासन को कड़े नियम बनाकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि होर्डिंग्स सुरक्षित और उचित स्थान पर लगाए जाएं। साथ ही, ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए इनका नियमित निरीक्षण होना चाहिए।
नागरिकों की अपील: शहरवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि होर्डिंग्स की अनियमितता को रोककर सड़कों को सुरक्षित बनाया जाए। उनका कहना है कि विज्ञापन से ज्यादा महत्वपूर्ण नागरिकों की जान है।
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