छत्तीसगढ़

चुनाव लड़ रहे महापौर-पार्षद पद के प्रत्याशियों को चुनावी नियमों के तहत बाकी टैक्स चुकाना पड़ा, भरा निगमों का खजाना

 रायपुर
 प्रदेश के 10 नगर निगमों में चुनाव लड़ रहे महापौर-पार्षद पद के प्रत्याशियों को चुनावी नियमों के तहत बाकी टैक्स चुकाना पड़ा। इसके चलते छह दिनों में ही प्रत्याशियों द्वारा ही जमा किए गए टैक्स से नगर निगमों को करीब तीन करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।

सबसे अधिक राशि रायपुर नगर निगम को मिली है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और प्रस्तावकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने के का नियम है। चुनाव के चलते नगर निगम का राजस्व अमला कई जनप्रतिनिधियों के यहां जाकर राजस्व वसूली नहीं कर पाता था।

अब वैसे जनप्रतिनिधि खुद चलकर निगम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने अपना पूरा हिसाब निकलवाया और राशि जमा कर अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिया।

22 से शुरू हुई थी एनओसी की प्रक्रिया

नगर निगमों से एनओसी लेने के लिए 22 जनवरी को प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह 27 जनवरी तक चली। रायपुर निगम के राजस्व विभाग की ओर से 1,974 लोगों को एनओसी जारी की गई है। इनसे करीब 65 लाख रुपये का राजस्व मिला है।

वहीं, अंबिकापुर में प्रत्याशियों और उनके प्रस्तावकों को मिलाकर कुल 430 लोगों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है। इनसे 62.75 लाख रुपये का राजस्व मिला है। राजनांदगांव में 380 को एमओसी जारी करने पर नौ लाख 67 हजार 385 रुपये का राजस्व मिला है।

इसी तरह धमतरी में 152 को एनओसी जारी करने पर 3.75 लाख, दुर्ग निगम को 15 लाख रुपये, बस्तर में 270 एनओसी जारी करने पर 12 लाख, कोरबा निगम को 39.12 लाख रुपये का राजस्व मिल है।

मेयर के लिए 109 प्रत्याशियों ने ठोंकी दावेदारी

निगमों में महापौर पद के लिए 109 प्रत्याशियों ने दावेदारी ठोंकी है। इनमें सर्वाधिक 28 रायपुर के हैं। प्रदेश के 33 जिलों में अध्यक्ष पद के लिए 816 और पार्षद के लिए 10,776 ने नामांकन फार्म भरा है।

इसके अलावा 49 नगर पालिकाओं और 114 नगर पंचायतों में भी चुनाव होने हैं। जिला पंचायत के 433 सदस्य और जनपद पंचायत के 2,973 पदों के लिए चुनाव होने हैं। ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए 11,672 और वार्ड पंच के लिए 1 लाख 60 हजार 180 पदों पर मतदान होना है।

बताते चलें कि प्रदेश के 14 में से 10 नगर निगमों में चुनाव होने हैं। रिसाली, भिलाई, बिरगांव और भिलाई-चरोदा निगम में चुनाव नहीं होंगे, क्योंकि इनका कार्यकाल दिसंबर-2025 में पूरा होगा।

इसलिए एनओसी जरूरी

नगर निगम से एनओसी लेना जरूरी है, क्योंकि यह संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण की पुष्टि करता है। यह एक कानूनी दस्तावेज भी है। इसके अलावा यह भी तय हो जाता है कि कौन-सा प्रत्याशी डिफाल्टर है या किस प्रत्याशी ने सही तरीके से फार्म जमा किया है।

निकायवार मेयर और पार्षद के दावेदार

नगर निगममेयर पार्षद
बिलासपुर10612
कोरबा12 
रायगढ़9443
सरगुजा636
मनेंद्रगढ़8427
रायपुर28993
धमतरी14360
दुर्ग2656
राजनांदगांव13516
बस्तर7195

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button