मध्य प्रदेश

किराएदारी अधिनियम 2010 केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित, ड्राफ्ट में फिर बदलाव

भोपाल

 मॉडल किराएदारी एक्ट का विधानसभा के बजट सत्र में भी पेश हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है। क्योंकि इसके ड्राफ्ट में फिर बदलाव किया जा रहा है। दरअसल, केन्द्र के निर्देश हैं कि सभी राज्यों का मॉडल किराएदारी एक्ट एक समान होना चाहिए। इसके लिए मंत्रालय से ड्राफ्ट फिर से नगरीय विकास संचालनालय को भेजा गया है। इसका पूरा रिव्यू होगा। इसके बाद इसे वरिष्ठ सचिव समिति के पास भेजा जाएगा।

समिति में हर पहलू पर विचार होने के बाद जो सुझाव या आपत्तियां आएंगी। उनके अनुसार ड्राफ्ट में फिर संशोधन किए जाएंगे। इसके बाद ड्राफ्ट कैबिनेट के समक्ष पेश होगा।

विधानसभा में होगा पेश
कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद यह एक्ट विधानसभा में पेश किया जाएगा। वर्तमान में किराएदारी अधिनियम 2010 केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित है। नया एक्ट पूरे मध्य प्रदेश में ग्रामीण, शहरी, व्यावसायिक आदि सभी प्रॉपर्टी पर लागू होगा। केन्द्र ने मॉडल किराएदारी अधिनियम बनाया है। इसके आधार पर ही प्रदेश में मॉडल किराएदारी अधिनियम बनाया गया है।

अलग से बनेगा पोर्टल
इसमें नए सिरे से किराएदारी संबंधी विवाद सुलझाने की व्यवस्था की गई है। जिससे न्यायालय जाने की जरूरत नहीं होगी। जिले में किराया प्राधिकारी डिप्टी कलेक्टर स्तर का अधिकारी होगा। किराया न्यायालय अतिरिक्त कलेक्टर कोर्ट होगा। इसके साथ अपील के लिए जिला जज की अध्यक्षता में एक रेंट ट्रिब्यूनल गठित होगा। किराएदारी की पूरी जानकारी रखने के लिए अलग से एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। इसमें किराएदार और मकान मालिक दोनों के हितों का ध्यान रखा गया है।

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