छत्तीसगढ़

विवादित सहायक संचालक के झूठ का हुआ पर्दाफाश, जारी हुआ शो काज नोटिस स्वयंभू डीईओ बनकर आदेश करने को बताया था हड़बड़ी में गलती होना

स्वयंभू डीईओ बनकर आदेश करने को बताया था हड़बड़ी में गलती से होना

अब अधिकार क्षेत्र से बाहर का एक और आदेश हुआ वायरल

प्रभारी डी ई ओ को अंधेरे में रख लेन देन कर आदेश जारी करने का संदेह

कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर को कर रहा गुमराह

विभाग को कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा के नाम से दिखाते है धोस

अपने कृत्य का हर बार लिपिकों पर फोड़ते है ठीकरा

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कोरबा जिले में विवादो से घिरे स्वयंभू जिला शिक्षा अधिकारी के आर डहरिया जिनका मूल पद व्याख्याता है, सहायक संचालक के पद पर पर आसीन होकर कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर जैसे अधिकारियों को गुमराह कर स्वयं के लाभ के लिए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर भी एक से बढ़कर एक आदेश निकाल रहे। ऐसा ही एक मामला एक दो दिन पहले आ था जिसमे डहरिया ने एक त्यागपत्र दे चुके शिक्षक की पुनः नियुक्ति का आदेश जारी किया था, जबकि डिप्टी कलेक्टर प्रदीप साहू को डी ई ओ का प्रभार दिया गया है।
आज पुनः एक मामला सामने आया है, सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस आदेश के अनुसार 6 मार्च 2024 को डहरिया ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर एक शिक्षक को रिलीव किया है।

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एक दो दिन पहले हुए आदेश के संबंध में इन्होंने हड़बड़ी में आदेश करना बताया था। सोचने वाली बात ये है की अब इस नए 6 मार्च के आदेश के बाद वो क्या बहाना बताते है।
क्या इस बार भी वो कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के स्वच्छ छवि के प्रांताध्यक्ष कमल वर्मा के नाम का दुरुपयोग कर किसी लिपिक या अन्य के ऊपर अपने कृत्यों का ठीकरा फोड़कर किनारे हो जाएंगे या जिला प्रशासन इन पर कडी कार्यवाही करेगा? फिलहाल यह तो यक्ष प्रश्न है।
अंदर खाने से यह भी खबर है कि यदि के आर डहरिया को मूल शाला में पढ़ाने लिखाने नही भेजा गया तो बेखौफ होकर ये ऐसे और भी आदेश भविष्य में करते रहेंगे।
वैसे अब कई शिक्षक संगठन इनके कृत्यों के विरुद्ध लामबंद हो चुके है, स्वयं को सबसे बड़ा नेता कहने वाले इस स्वयंभू डी ई ओ के विरुद्ध जिले के एक राजनैतिक पार्टी ने भी मोर्चा खोल दिया है और इनकी शिकायत शिक्षा मंत्री के साथ साथ अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तक कर दिया है।
जिले के दबे कुचले शिक्षको के साथ ही विभिन्न शिक्षक संगठनों को अब जिला कलेक्टर से ही आस है।
देखना यह है कि उंट किस करवट बैठता है, या अचार संहिता की आड़ में ये स्वयंभू डी ई ओ बच निकलने में सफल हो जाएगा। वैसे खबर यह भी है इस बार निर्वाचन आयोग में शिकायत के लिए भी इनकी फाइल तैयार कर ली गई है।

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