छत्तीसगढ़

जांजगीर-चांपा में जिला प्रशासन की मिलीभगत से फलफूल रहा अवैध रेत खनन का कारोबार ग्रामीण चक्काजाम करने के लिए बहुत जल्द मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन।

जांजगीर-चांपा: जिले के शिवरीनारायण क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कमरीद, तनोद, हाडाहा और खोरसी में अवैध रेत खनन का खेल बेरोकटोक जारी है। स्थानीय सूत्रों और ग्रामीणों का आरोप है कि यह अवैध कारोबार जिला प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है, जिसके कारण रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, इन क्षेत्रों में दिन-रात ट्रैक्टर और डंपर रेत भरकर निकलते हैं, जिससे सड़कों की हालत खराब हो गई है और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुँच रहा है। नदियों और जलाशयों से अंधाधुंध रेत निकालने के कारण जल स्तर घट रहा है और मिट्टी का कटाव बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और उनका आरोप है कि जिला प्रशासन जानबूझकर इस अवैध कारोबार पर आँखें मूंदे हुए है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि स्थानीय प्रशासन के कुछ अधिकारी इस अवैध धंधे में सीधे तौर पर शामिल हैं, जिसके कारण कोई कार्रवाई नहीं होती।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और जिला प्रशासन से तत्काल इस अवैध खनन को रोकने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इसे जल्द ही नहीं रोका गया तो इस क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या वह इस अवैध रेत खनन के कारोबार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं। ग्रामीणों और पर्यावरणविदों की निगाहें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। समय रहते अगर जिला प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो वहां के लोकल ग्रामीण लोग चक्का जाम करने के लिए लामबंद हो सकते है

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