किस तरह के कामों को माना जाता है आतंकवाद? नए कानून में दी गई परिभाषा

1 जुलाई से लागू हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में आतंकवाद को लेकर कानून बनाया गया है, जिसका पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC) में कोई जिक्र नहीं है. BNS की धारा 113 के मुताबिक, जो कोई भारत की एकता, अखंडता, और सुरक्षा को खतरे में डालने के इरादे से भारत या किसी अन्य देश में कोई कृत्य करता है तो उसे आतंकवादी गतिविधी माना जाएगा

भारत ने वैश्विक मंचों पर हमेशा आतंकवाद को रोकने पर जोर दिया है. हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस दौरे के दौरान आतंकवाद की निंदा की थी. मॉस्को और दागिस्तान में हुई आतंकी घटनाओं का जिक्र करते हुए हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं कल्पना कर सकता हूं कि इन घटनाओं का दर्द कितना गहरा होगा. मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं. भारत में लागू हुए नए कानूनों में पहली बार ‘आतंकवाद’ को परिभाषित किया गया है. इससे पहले तक भारतीय दंड संहिता (IPC) में आतंकवाद को लेकर कोई धारा नहीं थी. भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 113 में ‘आतंकवादी गतिवाधियों’ को परिभाषित किया गया है, जिसमें भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता और आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करना शामिल है। धारा 113 के तहत यदि कोई व्यक्ति भारत में या किसी विदेशी देश में रहकर भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने, आम जनता या उसके एक वर्ग को डराने के इरादे से कोई काम करता है, तो उसे आतंकवादी कार्य करने वाला माना जाएगा। बम, डायनामाइट या किसी अन्य घातक हथियारों या जहर के जरिए किसी भारतीय की मौत होती है या जीवन खतरे में पड़ता है तो ये आतंकवाद कहलाएगा. संपत्ति को नुकसान पहुंचाना या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में व्यापक हस्तक्षेप करना भी इस श्रेणी में आएगा. धारा 113 में भारत की ‘मौद्रिक स्थिरता’ को नुकसान पहुंचाना एक गंभीर अपराध बताया है. जाली नोट या सिक्के छापना या तस्करी करने वाले व्यक्ति के साथ ‘आतंकवादी गतिविधियों’ की धारा के तहत कार्रवाई होगी.