राष्ट्रीय

एमबीए पासआउट शख्‍स ने ऑनलाइन गंवाए 11.50 करोड़

नई दिल्ली

जल्‍दी पैसा कमाने, अमीर बनने के चक्‍कर में लोग ऐसे रास्‍ते अख्तियार कर रहे हैं, जो ऑनलाइन धोखाधड़ी की तरफ ले जाते हैं। आए दिन ऐसे केस रिपोर्ट हो रहे हैं। सरकार अपनी तरफ से लोगों को जागरूक कर रही है। इसके बावजूद लोग संभल नहीं रहे। वह अपनी जमापूंजी गंवा रहे हैं। एक नया केस सामने आया है। इसे 1930 नंबर पर रिपोर्ट की गई सबसे बड़ी ऑनलाइन धोखाधड़ी बताया जा रहा है, जिसमें 46 साल के शख्‍स ने साढ़े 11 करोड़ रुपये गंवा दिए। खुद पुलिस के बड़े अधिकारी ने मामले की तस्‍दीक की है और गृह मंत्रालय के ‘साइबर दोस्‍त’ एक्‍स हैंडल पर इस बारे में विस्‍तार में बताया गया है।

‘साइबर दोस्‍त’ एक्‍स हैंडल पर डीसएपी लेवल के बड़े अधिकारी ने इस धोखाधड़ी के बारे में बताया है। यह धोखाधड़ी फेक बैटिंग साइटों पर हुई। जो शख्‍स शिकार बना वह पढ़ा लिखा था। एमबीए कर चुका है। एक अच्‍छी कंपनी में 1 करोड़ रुपये के सैलरी पैकेज पर काम कर रहा है। पुलिस का कहना है कि शख्‍स के साथ सबकुछ ऑनलाइन हो गया। धोखाधड़ी तीन महीनों तक जारी रही।

1930 पर रिपोर्ट किया गया सबसे बड़ा स्‍कैम
केंद्र सरकार ने 1930 नंबर को साइबर फ्रॉड से मुकाबले के लिए जारी किया है। इस नंबर पर कॉल करके लोग अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। साढ़े 11 करोड़ रुपये का फ्रॉड पर 1930 पर रिपोर्ट कराया गया है। पुलिस का दावा है कि इस नंबर पर यह अब तक का सबसे बड़ा फ्रॉड है, जो रिपोर्ट हुआ है।

कैसे की गई ऑनलाइन धोखाधड़ी
साइबर दोस्‍त एक्‍स हैंडल पर पोस्‍ट किए गए वीडियो के अनुसार, 46 साल का शख्‍स 1 करोड़ रुपये की सालाना नौकरी पर है। एक दिन उसे फोन में रॉलेट कसीनो का ऐड आया, जिसमें उसने क्लिक कर दिया। क्‍ल‍िक करते ही वह ऐसी वेबसाइट पर चला गया जहां कई बैटिंग साइटें मौजूद थीं। वह पैसा इन्‍वेस्‍ट करके कई गुना मुनाफे का लालच दे रही थीं। युवक भी बैटिंग वेबसाइटों के झांस में आ गया। पुलिस के अनुसार, युवक ने बैटिंग साइट में पैसे लगाने शुरू कर दिए। शुरुआत में उसे कुछ कमाई भी हुई। कमाई के लालच में युवक 17 करोड़ रुपये के आसपास रकम लगा बैठा और बाद में उसे साढ़े 11 करोड़ का नुकसान हुआ। पुलिस का कहना है कि तीन महीनों तक उसके साथ फ्रॉड होता रहा। इस दौरान शख्‍स के पैसे 100 से ज्‍यादा अकाउंट में ट्रांसफर किए गए, इस उम्‍मीद में कि उसे फायदा होगा।

जबतक युवक को अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ, बहुत देर हो गई थी। आखिरकार उसने 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। हालांकि यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि धोखाधड़ी इतने वक्‍त तक कैसे की जाती रही। पुलिस ने इस मामले में कितनी रकम रिकवर कराई है, यह भी जानकारी नहीं है।

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