कोरबा जिला: पर्यावरण प्रेम की नई मिसाल, सेवानिवृत्त बसंत तिवारी की ‘वृक्ष सेवा’

कोरबा, [5 जून 2025]: अक्सर लोग सेवानिवृत्ति के बाद आराम पसंद जीवन की ओर मुड़ते हैं, लेकिन कोरबा के बसंत कुमार तिवारी ने अपनी सेवानिवृत्ति होने के बाद पर्यावरण सेवा का नया अध्याय बना दिया है। वन विभाग में वर्षों तक अपनी सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए तिवारी जी ने पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक ऐसी अनोखी और सराहनीय पहल की है, जो न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का एक सशक्त माध्यम भी बन रही है।
अपनी सेवानिवृत्ति के ठीक बाद और पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर, बसंत कुमार तिवारी ने स्वयं पेड़ लगाकर अपनी पर्यावरण प्रेम की प्रतिबद्धता को दोहराया। इतना ही नहीं, उन्होंने इस पहल को केवल अपने तक सीमित न रखते हुए, लोगों को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया। वे लोगों के बीच वृक्ष बांटकर उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे हैं और उन्हें अपने हाथों से पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
तिवारी जी की यह पहल वाकई अनोखी है। वन विभाग में बिताए अपने लंबे अनुभव का लाभ उठाते हुए, वे जानते हैं कि पर्यावरण संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है। अपनी “वृक्ष सेवा” के माध्यम से, वह लोगों को न केवल पौधे प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें यह भी समझा रहे हैं कि कैसे एक छोटा सा पौधा भविष्य में एक विशाल पेड़ बनकर पर्यावरण को शुद्ध करने और संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए बसंत कुमार तिवारी ने कहा, “वन विभाग में काम करते हुए मैंने प्रकृति को करीब से देखा और उसके महत्व को समझा। सेवानिवृत्ति के बाद मेरा मानना है कि मेरा अनुभव और समय पर्यावरण के लिए समर्पित होना चाहिए। मेरा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग पेड़ लगाएं और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें।”
बसंत कुमार तिवारी की यह पहल कोरबा में चर्चा का विषय बनी हुई है। उनकी यह ‘वृक्ष सेवा’ वास्तव में एक सराहनीय कदम है जो दूसरों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करेगा। यह दर्शाता है कि पर्यावरण की सेवा के लिए किसी पद या औपचारिक जिम्मेदारी की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि केवल एक सच्चा जज्बा और प्रतिबद्धता ही काफी है।

