राष्ट्रीय

नासा ने एक्सिओम मिशन 4 को एक बार फिर टाला, भारतीयों का इंतजार हुआ लंबा

नई दिल्ली
नासा ने एक्सिओम मिशन 4 को एक बार फिर टाल दिया है। ये मिशन पोलैंड और हंगरी के साथ-साथ भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। इसमें भारत अपना अंतरिक्ष यात्री भी भेजेगा, जिसके लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को चुना गया है। इसके पहले भी अलग-अलग वजहों से मिशन को कई बार टाला जा चुका है। एक्सिओम मिशन 4 पूरी तरह से निजी मिशन है, जिसे एक्सिओम स्पेस, नासा और स्पेसएक्स मिलकर संभाल रहे है। भारत भी इस मिशन पर 550 करौड़ रुपये खर्च कर रहा है।

इस बार क्यों टला मिशन?
एक्सिओम मिशन-4 को इस बार टालने की वजह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के रूसी मॉड्यूल ज्वेज्दा में एयर लीक की समस्या है, जिससे प्रेशर सिग्नेचर की स्थिति बन गई थी। मरम्मत के बाद वहां से आ रहे डेटा को रिव्यू करने के लिए अधिक समय की जरूरत है, जिसके कारण फिर से मिशन को टाला गया है। इसके पहले 22 जून को लॉन्चिंग तय की गई थी, लेकिन नासा लॉन्चिंग से पहले मिशन और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से पूरी संतुष्टि चाहता है। नई तारीख की घोषणा जल्द की जाने की उम्मीद है। बता दें कि इसके पहले फॉल्कन 9 मॉड्यूल में लिक्विड ऑक्सीजन लीक की समस्या देखी गई थी।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 16 मॉड्यूल
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कुल 16 प्रेशराइज्ड मॉड्यूल हैं, जिन्हें 5 स्पेस एजेंसियों ने बनाया है। इसमें अमेरिका की नासा, रूस की रॉसकॉस्मॉस, यूरोपी की ईएसए, जापान की जाक्सा और कनाडा की सीएसए शामिल हैं। जिस ज्वेज्दा मॉड्यूल में दिक्कत आई है, वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम और क्रू क्वार्टर मुहैया कराता है। यह मिशन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, जो स्पेस में जाएंगे। हालांकि बार-बार डिले हो रहे मिशन से भारत, हंगरी और पोलैंड तीनों के सामने ही चुनौती पैदा हो सकती है। बार-बार देरी से मिशन की लागत भी बढ़ सकती है।

 

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button