मध्य प्रदेश

रोहिणी ने दावा किया चंद्रशेखर ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया, चंद्रशेखर पर धोखाधड़ी, मानसिक प्रताड़ना के आरोप

इंदौर / लखनऊ
 उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज हुई है. बीते  महिला आयोग ने पीएचडी स्कॉलर डॉक्टर रोहिणी घावरी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. इसकी जानकारी मिलने के बाद रोहिणी ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘कानूनी लड़ाई शुरू हो चुकी है. सच सामने आकर रहेगा. स्वाभिमान और सम्मान के लिए लड़ूंगी. पीछे नहीं हटूंगी.’ बता दें कि डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाले सफाईकर्मी की बेटी है. वह साल 2019 में हायर एजुकेशन के लिए स्विटजरलैंड गई थीं. पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर एक-दूसरे के संपर्क में आए थे और तीन साल तक रिलेशनशिप में रहे. इसके बाद चंद्रशेखर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.

रोहिणी ने अपनी शिकायत में लिखा, ‘साल 2021 से दोनों के बीच निरंतर बातचीत शुरू हुई. इस दौरान चंद्रशेखर ने मुझे भरोसा दिलाया कि वे अविवाहित हैं और मेरी जैसी जीवनसाथी की तलाश में हैं. उन्होंने विवाह का झांसा देकर भावनात्मक रूप से मेरे साथ संबंध बनाए. उनके आश्वासन पर मैंने न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपनाया, बल्कि उनके राजनैतिक अभियानों में भी सक्रिय रूप से सहोयग दिया. चंद्रशेखर ने मेरे भारत आने पर विशेषकर दिल्ली में कई बार मुझे होटल और अपने द्वारिका स्थित निवास पर बुलाकर यह कहक शारीरिक संबंध बनाए कि वे मुझसे शीघ्र विवाह करेंगे. इन्होंने मुझे हमेशा धोखे में रखा और मुझसे शुरू से खुद को अविवाहित बताक मेरे साथ शादी का झांसा देकर कई बार मेरी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए.’

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर किए गए कई पोस्ट में रोहिणी ने सांसद पर गंभीर निजी आरोप लगाए हैं और खुद को ‘विक्टिम नंबर 3’ बताया है. रोहिणी ने लिखा, ”उसके लिए बहन‑बेटियों की इज्जत की कोई कीमत नहीं… भरोसे में आकर बहुत बड़ी गलती कर दी. अब किसी भी पुरुष पर भरोसा नहीं कर पाऊंगी.” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें भावनात्मक रूप से इस्तेमाल कर छोड़ दिया गया.

स्विट्जरलैंड में हुई जान-पहचान, विश्वास का किया दुरुपयोग

डॉ. रोहिणी घावरी ने अपनी शिकायत में बताया है कि साल 2020 में जब उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति पर स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में पीएचडी के लिए प्रवेश लिया था, उसी दौरान उनकी जान-पहचान श्री चंद्रशेखर आजाद रावण से हुई. शिकायत के अनुसार, जून 2021 से उनके बीच लगातार बातचीत शुरू हुई. डॉ. घावरी का आरोप है कि चंद्रशेखर ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वे अविवाहित हैं और उनकी जैसी जीवनसाथी की तलाश में हैं. इसी आश्वासन पर उन्होंने डॉ. घावरी के साथ विवाह का झांसा देकर भावनात्मक संबंध बनाए. उनके भरोसे पर डॉ. घावरी ने न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपनाया, बल्कि उनके राजनैतिक अभियानों में भी सक्रिय रूप से सहयोग दिया.

दिल्ली में शारीरिक संबंध और मानसिक प्रताड़ना का आरोप

डॉ. घावरी ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि जब वह भारत आईं, विशेषकर दिल्ली में तो चंद्रशेखर ने उन्हें कई बार होटल और अपने द्वारका स्थित निवास पर बुलाकर यह कहकर शारीरिक संबंध बनाए कि वे उनसे जल्द ही विवाह करेंगे.

हालांकि, 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान, डॉ. घावरी को उनकी पार्टी के कुछ लोगों से चंद्रशेखर की शादी के बारे में पता चला. जब उन्होंने इस बारे में उनसे पूछा, तो चंद्रशेखर ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि उनकी कोई शादी नहीं हुई है और वह शादी केवल डॉ. घावरी से ही करेंगे. डॉ. घावरी का आरोप है कि जब उन्होंने इस संबंध को खत्म करने की बात की, तो चंद्रशेखर ने आत्महत्या करने की धमकी दी और "बहुजन आंदोलन छोड़ने" जैसी बातें कहकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रशेखर ने उन्हें हमेशा धोखे में रखा और शुरू से खुद को अविवाहित बताकर शादी का झांसा देकर कई बार उनकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए.

प्रेम और विश्वास का दुरुपयोग, सामाजिक बदनामी का दावा

डॉ. रोहिणी घावरी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि चंद्रशेखर आजाद ने उनके प्रेम, विश्वास, निष्ठा और समर्पण का दुरुपयोग किया. विदेश में रहते हुए भी उन्होंने चंद्रशेखर के सामाजिक अभियानों में उनका साथ दिया. लेकिन उनके अनुसार, चंद्रशेखर ने न सिर्फ उनके भावनात्मक विश्वास को तोड़ा, बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से बदनाम भी किया. डॉ. घावरी ने बताया कि आज स्थिति यह है कि लोग उन्हें "रखैल" जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित कर रहे हैं, जिससे वह गहरे अवसाद में चली गईं और दो बार आत्महत्या करने का प्रयास भी किया.

डॉ. रोहिणी घावरी ने राष्ट्रीय महिला आयोग से गुहार लगाई है कि वह मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह से टूट चुकी हैं. उन्होंने आयोग से निवेदन किया है कि तथ्यों को ध्यान में रखते हुए चंद्रशेखर के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और कोई भी अन्य महिला इस प्रकार की धोखाधड़ी व उत्पीड़न का शिकार न हो.

 

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