राजनीति

1970 के दशक में प्रस्तावित लड़ाकू विमान सौदे में राजीव गांधी ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी: निशिकांत

नई दिल्ली

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और इंदिरा गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि 1970 के दशक में प्रस्तावित लड़ाकू विमान सौदे में राजीव गांधी ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। दुबे ने 2013 की विकीलीक्स रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्वीडिश राजनयिक ने अमेरिकी सरकार को सूचित किया था कि साब-स्कैनिया कंपनी भारत को विगेन लड़ाकू विमान बेचना चाहती थी, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पायलट बेटे राजीव गांधी मध्यस्थ थे। इसके साथ ही, दुबे ने इंदिरा गांधी पर रक्षा सौदों में अत्यधिक हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया।

निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि यह खुलासा 2013 में हुआ, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी। उन्होंने सवाल उठाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने इन आरोपों के सामने आने पर अमेरिकी या स्वीडिश सरकार के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। दुबे ने कहा, 'यह तब सामने आया जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। इसके बावजूद तत्कालीन भारतीय सरकार ने अमेरिकी या स्वीडिश सरकार के खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठाया?'
भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय हितों से समझौता करने के आरोप

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे लगातार कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार पर भ्रष्टाचार व राष्ट्रीय हितों से समझौता करने के आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले, 1 जुलाई को उन्होंने दावा किया था कि गांधी परिवार के नेतृत्व में भारत को सोवियत संघ को 'बेच' दिया गया था। उन्होंने सीआईए दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत संघ ने वित्तीय मदद दी थी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व अमेरिकी राजदूत मोयनिहान ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि उन्होंने इंदिरा गांधी को पैसे दिए थे।

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