मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा तोहफा, अगले महीने छात्राओं को मिलेंगी स्कूटी

भोपाल
प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटाप व साइकिल के बाद अगले महीने स्कूटी भी दी जाएगी। 7,800 विद्यार्थी स्कूटी के लिए पात्र हैं। अगले सत्र से बच्चों को गणेवश तैयार करवाकर वितरित किया जाएगा। साथ ही 75 प्रतिशत अधिक अंक लाने वाले करीब एक लाख मेधावी विद्यार्थियों को राशि के बदले अब लैपटाप दिए जाएंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भोपाल में कमला नेहरू सांदीपनि विद्यालय के भवन के लोकार्पण समारोह में की। साथ ही कहा कि सांदीपनि विद्यालय में बच्चों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस दौरान छात्राओं से भी मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 369 सांदीपनि विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जहां शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये स्कूल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के केंद्र बनकर उभरे हैं। अब सरकारी स्कूल सुविधा और गुणवत्ता दोनों में आगे हैं। इस बार मप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं के परिणाम में सरकारी स्कूलों ने 15 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। निजी स्कूल पीछे रह गए हैं। अब सौ प्रतिशत परिणाम लाने वाले विद्यालयों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। महू, देवास, नरसिंहपुर के विद्यालयों को बेहतर शैक्षणिक प्रबंधन विकास के लिए पांच-पांच लाख रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे।
अभियान के पहले दिन बंटी 4.30 लाख साइकिलें
मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्कूली बच्चों को निश्शुल्क साइकिल वितरण के दो दिवसीय अभियान का शुभारंभ करते हुए 50 विद्यार्थियों को साइकिलें वितरित कीं। अभियान के पहले दिन विभिन्न जिलों में विद्यार्थियों को 4.30 लाख साइकिलें बांटी गईं। विद्यार्थियों ने एक धुन में साइकिल की घंटी बजाकर मुख्यमंत्री का अभिवादन किया।
प्रदेश के 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को मिलेगा रक्षाबंधन का तोहफा
मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति में नारी को देवी के रूप में पूजा जाता है। भारतीय समाज में उनका अलग ही स्थान है। प्रदेश की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन के अवसर पर 1,500 रुपये की राशि ट्रांसफर की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2029 तक देश की बहनों को लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
उज्जैन में प्रारंभ होगा सेटैलाइट सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 55 पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू की गई है, जहां विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा दी जा रही है।
इसी उद्देश्य से उज्जैन में आईआईटी का सेटैलाइट सेंटर प्रारंभ किया जाएगा। सरकार में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग का विलय कर मेडिकल एजुकेशन एवं हेल्थ सेक्टर में नवाचार किया है।
छोटे शहरों में मेडिकल कॉलेज खोलने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आगामी दो वर्ष के अंदर एमबीबीएस की सीटें 10 हजार हो जाएंगी।
मध्य प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है, जहां नीट पास करने के बाद सरकार मेडिकल एजुकेशन के लिए विद्यार्थियों को भरपूर सहयोग कर रही है।