राष्ट्रीय

छांगुर बाबा-अतीक गठजोड़ का पर्दाफाश, 100 करोड़ की फंडिंग पर जांच एजेंसियों की नजर

लखनऊ 

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा माफिया अतीक अहमद का करीबी रहा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वह श्रावस्ती सीट से अतीक अहमद के प्रचार के लिए पहुंचा था। और कई जनसभाओं में उसके साथ मंच साझा किया था।

 धर्मांतरण केस में नया खुलासा

छांगुर बाबा ने मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटरों को प्रभावित करने के लिए अतीक अहमद के पक्ष में वोट मांगे थे। उस समय अतीक समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। उनका मुकाबला बीजेपी के दद्दन मिश्रा से था। हालांकि अतीक को हार का सामना करना पड़ा था। दद्दन मिश्रा चुनाव जीत गए थे।

दद्दन मिश्रा का विपक्ष पर निशाना

अब बीजेपी के पूर्व सांसद और मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “बलरामपुर में धर्मांतरण की जो घटना सामने आई है। वह मानवता को शर्मसार करने वाली है। छांगुर बाबा जैसे लोग पूर्ववर्ती सरकारों के संरक्षण में पनपे हैं। सभी जानते हैं कि इन्हें विपक्षी दलों का राजनीतिक सहारा मिला हुआ था। अब योगी सरकार में इन पर शिकंजा कसा जा रहा है।”

दद्दन मिश्रा ने मांग की है कि सिर्फ आरोपी बाबा ही नहीं, बल्कि उसे संरक्षण देने वाले राजनीतिक दलों, नेताओं और अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए।

100 करोड़ की फंडिंग की जांच में जुटी एजेंसियां

यूपी पुलिस ने छांगुर बाबा के साथ उसकी करीबी नीतू रोहरा, उसके पति जलालुद्दीन और बाबा के बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी सहयोगियों की पुलिस तलाश कर रही है. इस मामले में उत्तर प्रदेश ATS और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी सक्रिय हो गई हैं। शुरुआती जांच में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध फंडिंग का खुलासा हुआ है। साथ ही छांगुर बाबा के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क में होने के संकेत भी मिले हैं।

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