मध्य प्रदेश

उद्यानिकी किसानों को मिलेगा बेहतर बाजार, मंत्री कुशवाह ने दिए निर्देश

उद्यानिकी फसलों के लिए बेहतर विपणन व्यवस्था के प्रयास तेज: मंत्री  कुशवाह 

उद्यानिकी किसानों को मिलेगा बेहतर बाजार, मंत्री कुशवाह ने दिए निर्देश

उद्यानिकी फसलों के लिए सशक्त विपणन व्यवस्था की दिशा में सरकार सक्रिय

उद्यानिकी मंत्री की अध्यक्षता में सलाहकार बोर्ड की हुई बैठक

भोपाल

प्रदेश में उद्यानिकी फसलों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उद्यानिकी फसलों के विपणन के लिए बेहतर बनाए जाने के लिए प्रदेश में तेजी से प्रयास किए गये हैं। इसी कड़ी में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह की अध्यक्षता में उद्यानिकी फसल मार्केटिंग गठन सलाहकार बोर्ड की बैठक बुधवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक बर्णवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को उनकी फसल का उचित दाम दिलवाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा पृथक से उद्यानिकी फसल उपज मंडी बोर्ड बनाने पर कार्य प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के अधीन म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड का गठन किया गया है। इनमें कृषि और उद्यानिकी का फसलों का क्रय-विक्रय एक ही परिसर में किया जाता है। प्रदेश की 25 कृषि उपज मंडी समिति है जिसमें फल-सब्जियों के विक्रय के लिये 174 मंडियाँ अधिसूचित है। नवीन व्यवस्था लागू हो जाने पर फल-फूल सब्जी फसल के लिये पृथक नवीन परिसर बनाये जाएंगे। प्रस्तावित मंडियों में ग्रेडिंग, सोर्टिग, पैकिंग, पैकहाउस, कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चैन, भंडारण आदि सुविधाएँ विकसित की जायेंगी।

कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक बर्णवाल ने निर्देश दिये हैं कि उद्यानिकी फसलों के लिए पृथक मंडी गठन से पूर्व मंडी बोर्ड और उद्यानिकी विभाग देश के अन्य राज्यों की कृषि मंडी और उद्यानिकी फसल उपज मंडियों का सर्वे कर विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सलाहकार बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने ग्वालियर संभागीय मुख्यालय पर संचालित निजी फल मंडी का अध्ययन करने के निर्देश प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड कुमार पुरूषोत्तम को दिए।

ग्वालियर में नवीन कृषि उपज मंडी तथा उद्यानिकी फसल मंडी आवश्यक : मंत्री कुशवाह

उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि ग्वालियर में कृषि उपज मंडी और सब्जी मंडी दोनों नगरीय सीमा लक्ष्मीगंज में होने के कारण शहर का यातायात बाधित होता है। साथ ही मंडी प्रांगण भी समय की मांग के अनुसार अब छोटा होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड को नवीन कृषि उपज मंडी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) में शिफ्ट किया जाना चाहिए। इसके लिए मंडी बोर्ड सर्वे कर रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करे।

बैठक में सचिव कृषि निशांत बरबड़े, आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण श्रीमती प्रीति  मैथिल, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड कुमार पुरूषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।   

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