मध्य प्रदेश

सालभर में महंगाई भत्ते का होगा बड़ा इजाफा, कर्मचारियों के लिए मध्य प्रदेश सरकार की बड़ी सौगात

भोपाल
भले ही अभी आधा वित्तीय वर्ष न बीता हो पर सरकार ने 2026-27 के बजट की तैयारी शुरू कर दी है। अभी कर्मचारियों को 55 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है, जो अगले साल बढ़कर 74 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। यानी एक साल में 19 प्रतिशत तक की महंगाई भत्ता की वृद्धि होगी। इसके हिसाब से सभी विभागों को स्थापना व्यय की गणना करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में पहली बार सरकार एक साथ तीन वर्ष की वित्तीय आवश्यकताओं का आकलन करके बजट तैयार करा रही है। हर वर्ष स्थापना बजट बढ़ता जा रहा है।

भारत सरकार बढ़ा सकती महंगाई भत्ता
आगामी वर्षों में ढाई लाख से अधिक रिक्त पदों की पूर्ति किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसे देखते हुए वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि वे स्थापना का आकलन भी उसी हिसाब से करते हुए बजट प्रस्ताव तैयार करें। वर्ष 2026-27 के लिए कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में संभावित वृद्धि को देखते हुए 74 प्रतिशत की दर से स्थापना व्यय की गणना करने के लिए कहा गया है। दरअसल, वर्ष 2025-26 की शेष अवधि के लिए भारत सरकार तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है। इसके अनुरूप प्रदेश में भी वृद्धि होगी, जिससे यह 58 प्रतिशत हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि भारत सरकार जब से महंगाई भत्ता बढ़ाएगी तब से ही प्रदेश के कर्मचारियों को उसका लाभ दिया जाएगा। यद्यपि, पेंशनरों के मामले में ऐसा नहीं है। अभी भी उन्हें 53 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिल रही है क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार में 55 प्रतिशत करने को लेकर सहमति अब तक नहीं दी है।

राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार महंगाई राहत में वृद्धि के लिए दोनों के मध्य सहमति होना आवश्यक है। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी का कहना है कि पेंशनरों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। अभी भी कर्मचारियों की तुलना में हमें दो प्रतिशत महंगाई राहत कम दी जा रही है। पुराना एरियर भी अभी तक नहीं दिया गया है।

85 हजार करोड़ रुपये से अधिक होंगे खर्च
प्रदेश में स्थापना व्यय पर सरकार प्रतिवर्ष बजट का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा व्यय करती है। 2023-24 में वेतन-भत्ते और पेंशन मिलकर व्यय 72 हजार करोड़ रुपये के आसपास था, जो 2024-25 में 75 हजार करोड रुपये से अधिक हो गया 2025-26 में 79 हजार करोड़ रुपये व्यय अनुमानित है। इसे देखते हुए 26-27 में यह राशि 85 हजार करोड रुपये तक पहुंच सकती है।

आठवें वेतनमान को लेकर भी तैयारी
उधर, भारत सरकार ने आठवें वेतनमान आयोग का गठन कर दिया है। इसे देखते हुए प्रदेश के साढ़े सात लाख नियमित सरकारी कर्मचारियों और साढ़े चार लाख पेंशनरों को नया वेतनमान देने की तैयारी राज्य सरकार ने भी शुरू कर दी है। सातवां वेतनमान मूल वेतन में 2.75 का गुणा करके निर्धारित हुआ था। तब लगभग सात से 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन में वृद्धि हुई थी।

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