राष्ट्रीय

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने केजीएमयू जाकर घायल छात्रों से की मुलाकात

छात्रों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा- मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊ,

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय शुक्रवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय  लखनऊ पहुंचे, जहाँ उन्होंने रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में एलएलवी पाठ्यक्रम की मान्यता नवीनीकरण एवं अवैध वसूली को लेकर प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्रों से भेंट की। मंत्री ने घायल छात्रों से उनका हालचाल पूछा, उनकी चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली और उन्हें हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मुलाकात के दौरान छात्रों ने मंत्री को वीडियो दिखाते हुए विस्तार से बताया  कि किस प्रकार शांतिपूर्ण ढंग से अपनी समस्याएँ उठाने पर भी उनके साथ बर्बरता की गई। मंत्री ने छात्रों की बात ध्यानपूर्वक सुनी और कहा कि योगी सरकार छात्रों की न्यायोचित मांगों के साथ खड़ी है तथा उनके हितों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।

उच्च शिक्षा मंत्री को घायल छात्रों ने अवगत कराया कि विश्वविद्यालय प्रशासन के स्थानीय असामाजिक तत्वों ने छात्रों पर हमला किया तथा मौजूदा पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मिलकर पाशविक कृत्य किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और मंडलायुक्त को  मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा परिषद के सचिव दिनेश राजपूत की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर भी गहरी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि एलएलवी पाठ्यक्रम की मान्यता का समय से नवीनीकरण न कराना, बिना अनुमति के प्रवेश लेना, छात्रों से अवैध वसूली करना और उनकी जायज मांगों को दबाने के लिए बाहरी तत्वों की मदद लेना गंभीर अपराध है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार किसी भी हालत में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि सभी मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों का संचालन निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो और छात्रों को अनावश्यक दबाव या अनिश्चितता का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की समस्याओं का समाधान संवाद और संवेदनशीलता से किया जाना चाहिए, न कि बल प्रयोग से।

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