सई मांजरेकर का कहना: सिनेमा की कोई भाषा नहीं होती, भावनाएं होती हैं प्रमुख

मुंबई,
अभिनेत्री सई मांजरेकर का कहना है कि उनके लिए सिनेमा सिर्फ भाषा की बात नहीं, बल्कि अच्छी कहानियों और प्रेरणादायक सहयोग का माध्यम है। सई मांजरेकर, जिन्होंने पहले ही बॉलीवुड और साउथ फिल्मों में अपनी पहचान बनाई है, अपनी प्राथमिकताओं को लेकर साफ हैं। उनके लिए सिनेमा सिर्फ भाषा की बात नहीं, बल्कि अच्छी कहानियों और प्रेरणादायक सहयोग का माध्यम है।
सई ने कहा, “मेरा मानना है कि सिनेमा की कोई भाषा नहीं होती।असल मायने रखती है कहानी और उसका दर्शकों से जुड़ाव। अभी मैं बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री पर ध्यान दे रही हूँ, लेकिन आगे चलकर मैं एक अच्छी मराठी फिल्म जरूर करना चाहूँगी। जब तक स्क्रिप्ट रोमांचक हो और डायरेक्टर का विज़न मज़बूत हो, मैं किसी भी इंडस्ट्री को एक्सप्लोर करने के लिए तैयार हूँ।
सई मांजरेकर ने बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री की तुलना करते हुए कहा,“दोनों जगह काम करने का मौका मिलने के बाद मुझे लगता है कि हर इंडस्ट्री की अपनी अलग पहचान और जादू है। बॉलीवुड में कहानियों को बड़े भावनात्मक अंदाज़ में दिखाया जाता है, जबकि साउथ में मैंने अनुशासन और कला के प्रति गहरा सम्मान देखा, जो मुझे बेहद पसंद आया। दोनों अनुभवों ने मुझे अलग-अलग तरह से गढ़ा है और मैं खुद को खुशनसीब मानती हूँ कि दोनों का हिस्सा हूँ। मेरे लिए यह सफर दोनों की अच्छाइयों को अपनाने और हर प्रोजेक्ट के साथ आगे बढ़ने का है।”
सई मांजरेकर की सोच पर घर का भी असर रहा है। उनके पिता, मशहूर फिल्ममेकर और अभिनेता महेश मांजरेकर, आठ अलग-अलग भाषाओं में काम कर चुके हैं और उन्होंने सई को दिखाया कि अच्छी कहानियां सीमाओं को पार कर सकती हैं। उसी से प्रेरित होकर सई भी अपना एक ऐसा बहुभाषी सफर तय करना चाहती हैं जिसमें मुख्यधारा का आकर्षण भी हो और दिल को छूने वाली कहानियाँ भी।