राष्ट्रीय

मराठा आंदोलन के बाद महाराष्ट्र में आरक्षण पर सुप्रिया सुले का सख्त रुख

मुंबई 
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के कुछ दिन बाद ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि आरक्षण केवल उन लोगों के लिए होना चाहिए जिन्हें इसकी असल में आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति शिक्षित है और उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो फिर उसके लिए आरक्षण की मांग करना उचित नहीं है. सुले ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर उनका बच्चा मुंबई के अच्छे स्कूल में पढ़ रहा है तो शायद चंद्रपुर के किसी गरीब बच्चे को ऐसी शिक्षा की ज्यादा आवश्यकता है. सुप्रिया सुले ने लोगों से इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने की भी अपील की, उन्होंने कहा कि आइए हम सब इस पर बहस करें. हर मंच पर, कॉलेजों और समाज में इसे लेकर बातचीत होनी चाहिए. हमें जानना चाहिए कि आम जनता इस पर क्या सोचती है.

आर्थिक आधार Vs. जाति आधार
सुप्रिया सुले ने यह भी पूछा कि आरक्षण आर्थिक बैकग्राउंड पर आधारित होना चाहिए या जाति पर. इस दौरान दर्शकों के बीच सर्वे किया गया, जिसमें ज्यादातर लोग आर्थिक आधार पर आरक्षण के पक्ष में दिखाई दिए. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुले ने कहा कि उन्हें युवा पीढ़ी खासकर जेन जेड के साथ जुड़ाव महसूस होता है और यही उन्हें प्रेरित करता है कि वह हर हितधारक की राय जानें.

मराठा आंदोलन के बाद की प्रतिक्रिया
सुले की यह टिप्पणी महाराष्ट्र में हाल ही में हुए मराठा आरक्षण आंदोलन के कुछ दिनों बाद आई है. कार्यकर्ता मनोज जरांगे और उनके समर्थकों ने मराठाओं के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र में बड़े विरोध प्रदर्शन किए थे. महाराष्ट्र सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगें मान लीं, जिसमें योग्य मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान करना भी शामिल था. इसके बाद इस महीने की शुरुआत में आंदोलन को वापस ले लिया गया, जिससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण लाभों का सास्ता साफ हो गया.

 

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button