मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 5.4% वृद्धि, शाम 6-9 बजे और राष्ट्रीय राजमार्ग सबसे ज्यादा जोखिम भरे

भोपाल
मध्य प्रदेश 2023 में सड़क दुर्घटनाओं के मामले में देश के सबसे खतरनाक राज्यों में से एक रहा है। NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 14,098 लोगों की मौत हुई, जो भारत की कुल आकस्मिक मौतों का 9.8% है। 2022 की तुलना में दुर्घटनाओं में 5.4% की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट बताती है कि 2023 में मध्य प्रदेश में 54,763 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 54,699 लोग घायल भी हुए। राज्य में आकस्मिक मृत्यु दर 49.8 रही, जो देश में छठी सबसे अधिक दर है।

मध्य प्रदेश के हाईवे खतरनाक
यात्रियों के लिए राजमार्ग सबसे खतरनाक साबित हुए। भारत की कुल सड़क दुर्घटना मौतों का 7% केवल मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर दर्ज किया गया। शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच का समय विशेष रूप से जोखिम भरा रहा, इस दौरान 10,613 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इसके अलावा, देश में हुई घातक बस दुर्घटनाओं में से 10.2% मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मिलाकर हुईं।

छोटे वाहनों से ज्यादा हुए एक्सीडेंट
खराब बुनियादी ढांचा और पर्यावरणीय कारक भी इन मौतों में योगदान करते हैं। NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, भारी और यात्री वाहनों के कारण बड़ी संख्या में मौतें हुईं। राज्य की सड़कों पर SUV/जीप और कारों से होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या ट्रक/लॉरी/मिनी-ट्रक से होने वाली मौतों से अधिक थी।

राजधानी भोपाल में भी बढ़ोतरी
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 4.2% की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि 2022 की तुलना में हुई है। कुल 2,906 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 196 लोगों की जान गई और 2,196 लोग घायल हुए। रात 9 बजे से आधी रात तक का समय सबसे खतरनाक रहा। दोपहिया वाहन चालक और पैदल यात्री सबसे ज़्यादा असुरक्षित पाए गए। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने भी भोपाल को ओवर-स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में चौथे स्थान पर रखा था।

 

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