राष्ट्रीय

‘ब्लाउज डिलीवरी लेट’ का महंगा पड़ा अंजाम — महिला ने दर्जी को ठोका ₹7 हजार का फाइन

नई दिल्ली 
आमतौर पर कपड़े सिलने में दर्जी की देरी से हर कोई परेशान रहता है लेकिन अहमदाबाद में एक महिला ने इस आम समस्या के खिलाफ आवाज़ उठाई और एक डिजाइनर शॉप को सबक सिखाया। यह मामला उन लाखों उपभोक्ताओं के लिए एक मिसाल बन गया है जो समय पर सेवा न मिलने पर चुप रह जाते हैं।

जानिए क्या था पूरा मामला
नवंबर 2024 में अहमदाबाद की एक महिला ने परिवार में होने वाली शादी के लिए एक पारंपरिक साड़ी का ब्लाउज सिलवाने के लिए सीजी रोड पर स्थित एक डिजाइनर शॉप को ऑर्डर दिया था। महिला ने ब्लाउज के कपड़े और डिज़ाइन का चुनाव करते हुए ₹4,395 का एडवांस भुगतान भी कर दिया था। दर्जी ने ब्लाउज तैयार करने की अंतिम तिथि 24 दिसंबर तय की थी। तय तारीख आने पर दर्जी ने ब्लाउज तैयार नहीं किया। महिला ने बार-बार अनुरोध किया और शादी से पहले ब्लाउज देने की गुहार लगाई लेकिन दर्जी ने लापरवाही दिखाई और समय पर काम पूरा नहीं किया।

महिला ने उठाया कानूनी कदम
समय पर ब्लाउज न मिलने और दर्जी के लापरवाह रवैये से परेशान होकर महिला ने सबसे पहले दर्जी को एक कानूनी नोटिस भेजा जिसका कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद महिला ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अहमदाबाद उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज करा दी।

कोर्ट का सख्त आदेश
उपभोक्ता आयोग ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि दर्जी द्वारा तय समय सीमा में काम पूरा न करना स्पष्ट रूप से सेवा में कमी को दर्शाता है। कोर्ट ने यह भी माना कि इस लापरवाही के कारण महिला को अनावश्यक रूप से मानसिक तनाव सहना पड़ा।

आयोग ने दर्जी को 45 दिनों के भीतर निम्न भुगतान करने का आदेश दिया:
पूरी रकम वापसी: ग्राहक से ली गई पूरी एडवांस राशि ₹4,395 को 7% वार्षिक ब्याज के साथ वापस करना होगा।
मानसिक पीड़ा का मुआवजा: ग्राहक को हुई मानसिक प्रताड़ना और कानूनी कार्यवाही के खर्च के लिए ₹7,000 का अतिरिक्त मुआवजा देना होगा।

 

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