राजनीति

बिहार चुनाव में जेपी नड्डा का वार: विपक्ष को घेरा, बोले– एनडीए का मतलब विकास और विश्वास

बिहार शरीफ
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने गुरुवार को नालंदा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जहां-जहां एनडीए सरकार है, वहां विकास है। बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास के काम दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी एनडीए की सरकार आई है, वहां-वहां विकास हुआ है। जहां-जहां दूसरे दलों की सरकार आई, वहां विकास थम सा गया। पिछले 20 साल में नीतीश कुमार के नेतृत्व में और पीएम नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से बिहार ने फिर से विकास की रफ्तार को पकड़ा और विकास की ओर चल पड़ा। आने वाला चुनाव बिहार के विकास की गति को बनाए रखने वाला चुनाव है। जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार में आज चारों तरफ उजाला है। गांव में 23-24 घंटे बिजली आती है। गांवों को सड़क से जोड़ दिया गया है। हर घर नल, हर घर जल कार्यक्रम से बिहार के 1.60 करोड़ परिवारों को नल से जल पहुंचा दिया गया है। उजाले का महत्व तब होता है, जब आप अंधकार की त्रासदी को पहचानते हों।

उन्होंने राजद शासनकाल की चर्चा करते हुए कहा कि 20 साल पहले लालू यादव के राज में 90 के दशक से लेकर 2005 तक ये अंधकारमय बिहार था, ये जंगलराज वाला बिहार था। आज पीएम मोदी के आशीर्वाद से और नीतीश की कड़ी मेहनत के कारण आज ये बदला हुआ बिहार है, विकास की लंबी छलांग लगाता हुआ बिहार है। नड्डा ने महिलाओं के सशक्तिकरण की योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार की सरकार ने महिला रोजगार योजना के अंतर्गत महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपए डाले हैं। चुनाव के बाद बहनों के स्वरोजगार के लिए दो लाख रुपए उनके बैंक खातों में भेजे जाएंगे।

उन्होंने साफ लहजे में कहा, "मैं कांग्रेस और राजद के बारे में बात करता हूं, तो याद रखिएगा कि इन्हें चुनाव में जनता से कोई मतलब नहीं है। लालू अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने में लगे हैं और सोनिया अपने बेटे राहुल को प्रधानमंत्री बनाने में लगी हैं। इन्हें जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। इन्हें केवल अपने परिवार की चिंता है।" उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल में बिहार में फिरौती और अपहरण उद्योग बन गया था। डॉक्टर, इंजीनियर जैसे प्रोफेशनल्स बिहार छोड़कर जाने लगे थे, क्योंकि इनका सरेआम अपहरण होता था और अपहरण की फिरौती की रकम मुख्यमंत्री निवास से तय होती थी। बिहार में यह जंगलराज था।

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