
शक्ति, छत्तीसगढ़ – जिले का आबकारी विभाग पूरी तरह से अव्यवस्था की चपेट में है। जिस विभाग पर शराब माफियाओं पर लगाम कसने और अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी है, वह आज महज 4 नगर सैनिकों के सहारे चल रहा है।
मौजूदा वक्त में केवल सोमनाथ राठौर (नागर सैनिक क्रमांक 120), भीम राठौर (204), राजेश कंवर (263), और वीरेंद्र यादव (249) ही विभाग के पास तैनात हैं। इन चार कर्मचारियों पर पूरे जिले की निगरानी का बोझ है, जो न केवल हास्यास्पद है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी जीवंत उदाहरण है।
इस हालात में यह सवाल उठना लाज़मी है कि जब विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ ही नहीं है तो वह जिले भर में अवैध शराब के कारोबार पर कैसे काबू पाएगा? यह स्थिति न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि इससे यह भी साफ झलकता है कि सरकार और प्रशासन इस संवेदनशील विभाग को लेकर कितने लापरवाह हैं।
क्या जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देंगे या फिर आबकारी विभाग यूं ही व्यवस्था के नाम पर मज़ाक बनता रहेगा?