
बिलासपुर कहते हैं स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है लेकिन बिल्हा विकास खंड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित कोहरौदा के मिडिल स्कूल की बात ही अलग है यहाँ छात्रों को शिक्षा देने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने तो सरकारी नियम कायदों की ऐसी धज्जियाँ उड़ाई कि समूचा शिक्षा जगत शर्मशार हो गया।

जानकारी के अनुसार प्रभारी शिक्षक जगजीवन राम तिर्की आश्रित ग्राम खपरी के मिडिल स्कूल में शराब और मछली का पार्टी मनाते नशे में चूर मिला। ग्रामीणों,रसोइया और स्कूली छात्रों नें जो कुछ बताया वो शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने काफी था।
इस स्कूल में होने वाली मछ्ली पार्टी ने बिल्हा विकास खंड शिक्षाधिकारी की मोनिटरिंग की पोल ही खोल कर रख दी।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को ग्राम पंचायत कोहरौदा के मिडिल स्कूल के बच्चों का संस्कृत का टेस्ट परीक्षा रखा गया था दूसरी ओर कुछ शिक्षक शराबखोरी और मछली पार्टी में लिप्त थे सिविल सेवा आचरण अधिनियम तार तार हो रहा था।
खाना बनाने वाली महिला समूह की रसोइया द्वारा बताया गया कि खपरी के स्कूल में पदस्थ प्रभारी,संतोष कुमार ध्रुव सहयोगी शिक्षक चन्द्राकर और कोहरौदा के शिक्षक जगजीवन तिर्की तीनों ने मिलाकर मध्यान भोजन की रसोई में एक साथ मछली पकाया और शराब पार्टी की।
गांव वालों नें रोज रोज की शराबखोरी से तंग आकर शिकायत मीडिया से कर दी, मीडिया के पहुंचने पर कोहरौदा स्कूल के प्रधान पाठक जगजीवन तिर्की बैठकर अकेले चावल के साथ मछली खा रहा था सरपंच और रसोईया के बताने के अनुसार खपरी के दोनों शिक्षक जगजीवन तिर्की से पहले दारू और मछली का सेवन कर चुके थे जब मीडिया कर्मियों ने खपरी के दोनों शिक्षक से पूछताछ किया तो उन्होंने मछली और दारु का सेवन नहीं किया जाना बताया जबकि गांव के लोग और रसोईया बता रहे हैं कि आये दिन इन लोगों द्वारा पार्टी की जाती है कभी चिकन तो कभी मछली बनाकर खाते रहते हैं मना करने पर भी नहीं मानते हैं और इस बात की शिकायत संकुल समन्वय बीईओ को भी है लेकिन इसके बाद भी इन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती हैं।

अब देखने वाली बात यह है कि सरकारी स्कूल में शराबखोरी और मछली पार्टी करनें वाले शिक्षकों पर सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत कोई ठोस कार्यवाही होती है या फिर शिक्षक शिक्षा के मंदिर को दारू मुर्गा मछली पार्टी कर कलंकित करते रहेंगे।