सरकारी नौकरी का नया रास्ता: एक ही टेस्ट से मिलेंगे कई विभागों में मौके, सरकार का बड़ा बदलाव

भोपाल
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें एक ही पद के लिए बार-बार परीक्षाएं नहीं देनी होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप सामान्य प्रशासन विभाग ने नई भर्ती प्रणाली को लेकर प्रारूप तैयार किया है। यह प्रस्ताव मुख्य सचिव अनुराग जैन के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंजूरी ली जाएगी। इस प्रस्ताव के अमल में आने से न केवल परीक्षार्थियों का समय और धन बचेगा, बल्कि भर्ती प्रणाली भी अधिक दक्ष और पारदर्शी बनेगी। यह बदलाव खासतौर पर युवाओं के लिए बड़ा राहत भरा साबित होगा।
भर्ती प्रक्रिया में ये होंगे अहम बदलाव
नए प्रस्ताव के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) केवल 6 प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करेगा, जिसमें प्रशासनिक सेवा और वन सेवा शामिल होंगी। MPESB (पूर्व में व्यापमं) 5 प्रमुख श्रेणियों की परीक्षाएं आयोजित करेगा, जिसमें इंजीनियरिंग, शिक्षा, कृषि, स्नातक एवं परास्नातक डिग्रीधारकों के लिए परीक्षाएं होंगी। एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर नियुक्तियां होंगी। उम्मीदवारों को आवेदन के समय विभागों के वैकल्पिक नाम भरने होंगे, जिससे चयन के बाद विभाग बदलने की समस्या नहीं रहेगी।
परीक्षार्थियों को क्या होगा लाभ
अब हर पद के लिए अलग-अलग परीक्षा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। परीक्षा शुल्क की बचत होगी। चयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण होगी। परीक्षा परिणामों को लेकर होने वाले विवाद भी कम होंगे। वर्तमान में पीएससी सालभर में 25 और मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड ( MPESB) करीब 30 प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करता है, जिससे अभ्यर्थियों को बार-बार आवेदन और परीक्षा देने की परेशानी होती है। नई नीति के लागू होते ही यह दोहराव खत्म होगा।
चार प्रमुख श्रेणियों में परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारी है
स्नातक स्तरीय परीक्षा- सभी ग्रुप-सी के पदों के लिए
हायर सेकेंडरी स्तरीय परीक्षा- 12वीं पास योगयता पर आधारित पदों के लिए
तकनीकी पदों के लिए परीक्षा- इंजीनियरिंग,आइटीआइ आदि तकनीकी योग्यता वाले पद
शिक्षक पात्रता परीक्षा- उच्च माध्यमिक,माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए
आवेदन के समय करेंगे अभ्यर्थी करेंगे च्वाइस फिलिंग
विभिन्न विभागों की एक जैसी भर्ती के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा होगी, लेकिन पेपर एक जैसा तैयार किया जाएगा। अभ्यर्थियों को आवेदन करते समय च्वाइस फिलिंग करनी होगी कि वे किसी पद के लिए आवेदन किया है और परीक्षा दी है।उसके हिसाब से मेरिट सूची तैयार होगी।
इस बदलाव से लाभ
एक ही परीक्षा से अनेक विभागों में चयन की संभावना।
विभिन्न विभागों के लिए बार-बार आवेदन और परीक्षा की जरूरत नहीं।
अभ्यर्थियों का समय, पैसा और मानसिक तनाव कम होगा।
भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और जल्द होगी।
मेरिट के आधार पर निष्पक्ष नियुक्तियां संभव होंगी।
साल 2025 की आगामी ये परीक्षाएं प्रस्तावित हैं
आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा-अगस्त 2025
प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा-अगस्त-सिंतबर 2025
समूह-02 उपसमूह-03 -अक्टूबर 2025
समूह-01 उपसमूह-02 -अक्टूबर 2025
संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग-सितंबर 2025
समूह-02 उपसमूह-04-नवंबर 2025
क्षेत्ररक्षक,जेल प्रहरी परीक्षा-नवंबर 2025
समूह-03 उपयंत्री-जनवरी 2026
आइटीआई में प्रशिक्षण अधिकारियों के पदों की चयन परीक्षा-फरवरी 2026
समूह-02 उपसमूह02 -मार्च 2026
सूबेदार,शीघ्रलेखक,सहायक उप निरीक्षक चयन परीक्षा-अप्रैल 2026
पुलिस आरक्षक जीडी भर्ती परीक्षा -अप्रैल 2026
सहायक उप निरीक्षक (कंप्यूटर) एवं प्रधान आरक्षक (कंप्यूटर) भर्ती परीक्षा- मई 2026
ईएसबी का क्या कहना है?
ईएसबी के संचालक साकेत मालवीय ने कहा कि एक ही ग्रुप की एक जैसे समकक्ष पदों के लिए चार परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अब साल भर में करीब 30 परीक्षाओं के बदले चार परीक्षाएं होंगी। अगर शासन से मंजूरी मिलती है तो इसे लागू किया जाएगा।
पीएससी से केवल राज्य प्रशासनिक परीक्षाएं
नए बदलावों के तहत एमपीपीएससी अब केवल राज्य प्रशासनिक सेवा, वन सेवा, इंजीनियरिंग, शिक्षा और कृषि सेवा जैसी प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करेगा। एमपीईएसबी द्वारा स्नातक, 12वीं और पीजी स्तरीय पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
अब तक की व्यवस्था
एमपीपीएससी(Government Jobs Rules Change) सालभर में 25 तो ईएसबी 30 परीक्षाएं आयोजित करता था। अब पीएससी से 6 तो एमपीईएसबी 5 होंगी।
बदलाव के ये फायदे
बार-बार परीक्षा देने की जरूरत नहीं।
परीक्षा शुल्क में कमी आएगी।
एक परीक्षा से विभिन्न में चयन संभव।
आवेदन के समय इच्छित विभाग चुनेंगे।
एकीकृत मेरिट सूची बनेगी।