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सीतारमण का ग्लोबल दावा, भारत बनेगा ‘विश्व का इंजन’, आईएमएफ औरविश्व बैंक भी सहमत

नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत की विकास क्षमता को विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जैसी वैश्विक संस्थाओं ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

सीतारमण ने कहा, "जब हम कहते हैं कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जब आईएमएफ या विश्व बैंक यह मानते हैं कि भारत अपनी विकास क्षमता के कारण नकारात्मक या लगभग सकारात्मक क्षेत्र में चल रहे विश्व व्यापार को आगे बढ़ाने का इंजन बन सकता है तो वे भारत में मौजूद क्षमता को पहचान रहे हैं।" वित्त मंत्री सीतारमण इस समय अमेरिका और पेरू की यात्रा पर हैं जहां वे प्रमुख फंड प्रबंधन फर्मों और आईटी फर्मों के सीईओ के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें करेंगी।

उन्होंने आगे कहा, "इस क्षमता के साथ आगे बढ़ने से, हम वैश्विक स्तर पर विभिन्न अनिश्चितताओं के कारण देखी जा रही गिरावट को सुधार सकेंगे। इन अनिश्चितताओं में कम वृद्धि, कम व्यापार और कुछ स्थानों पर उच्च मुद्रास्फीति शामिल है।"

सीतारमण ने वैश्विक व्यापार के मौजूदा परिदृश्य पर भी बात की और टैरिफ युद्ध के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र या "विकसित भारत" में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी का यह दृष्टिकोण चार प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है: महिलाएं, वंचित, युवा और किसान। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का ध्यान 'उभरते क्षेत्रों' पर है, जो हमारी क्षमता निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) जैसे क्षेत्रों पर भी है, जहां भारत वैश्विक नेता के रूप में उभरा है।

22-25 अप्रैल तक अमेरिका के वाशिंगटन में अपनी यात्रा के दौरान, सीतारमण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वसंत बैठकों, दूसरी जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक, विकास समिति पूर्ण बैठक, आईएमएफसी पूर्ण बैठक और वैश्विक संप्रभु ऋण गोलमेज (जीएसडीआर) बैठक में भाग लेंगी।

 

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